आज इस पोस्ट से माध्यम से हम आपको भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर ग्वालियर से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। जो कि इस प्रकार हैं-
Fact 1- यह शहर और इसका प्रसिद्ध दुर्ग उत्तर भारत के प्राचीन शहरोँ के केन्द्र रहे हैं।
Fact 2- यह शहर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर तथा बघेल कछवाहों की राजधानी रहा है। इनके द्वारा छोड़े गये प्राचीन चिन्ह स्मारकों, किलों, महलों के रूप में मिल जाएंगे।
Fact 3- सहेज कर रखे गए अतीत के भव्य स्मृति चिन्ह इस शहर को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं।
Fact 4- आज ग्वालियर एक आधुनिक शहर है और एक जाना-माना औद्योगिक केन्द्र है। ग्वालियर को गालव ऋषि की तपोभूमि भी कहा जाता है।
Fact 5- एक अध्ययन से पता चला है कि गवालियर भारत का सबसे प्रदूषित शहर है, जो कि विश्व में दूसरे नंबर पर आता है।
Fact 6– ऐसा भी कहा जाता है कि ग्वालियर किले में एक इमली का पेड़ है, जिसे खाने से किसी की भी आवाज मधुर हो जाती है। इस पेड़ को संगीत सम्राट तानसेन ने लगवाया था।
Fact 7- एक अध्ययन से पता चला है कि ग्वालियर की कुल जनसंख्या 15 लाख के करीब है।
Fact 8- ग्वालियर की साक्षरता की बात की जाए तो काफी बेहतर है। जी हां यहां का Literacy rate 92.38% है।
Fact 9- ग्वालियर के पर्यटक स्थल (Tourism Places of Gwalior)
- ग्वालियर फोर्ट
- मन मंदिर महल
- जय विलास महल
- समाधि ऑफ़ रानी लक्ष्मी बाई
- सास-बहु मंदिर
- आर्कियोलॉजिकल संग्रहालय
- माधव नेशनल पार्क
- मोहम्मद घोस का मकबरा
- तेली का मंदिर
- चिड़ियाघर
- जौहर कुण्ड
- सुन टेम्पल
Fact 10- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संगीत सम्राट तानसेन का जन्मस्थान है साथ ही मशहूर सिंगर और डायरेक्टर जावेद अख्तर की जन्मभूमि भी है। इतना ही नहीं देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म भी यहीं हुआ था।
Fact 11- ग्वालियर का क़िला (Gwalior Fort)
- ग्वालियर के किले को दो भागों में विभाजित किया गया है पहला भाग गुजरी महल कहलाता है। वहीं दूसरी ओर दूसरा भाग मन मंदिर के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है। की ग्वालियर के किले का निर्माण आठवीं शताब्दी में राजा मानसिंह तोमर ने करवाया था।
- गुजरी महल का निर्माण रानी मृगनयनी के लिए करवाया था। कई लोगों का मानना है। कि इस किले का निर्माण सूरज सेन पाल ने करवाया था। इनका जन्म मुरैना जिले के सोहनियां नामक गांव में हुआ था।
- ग्वालियर का किला लाल एवं नीले पत्थर से बना है। ग्वालियर के किले को शहर के हर स्थान से देखा जा सकता है। किला एक पहाड़ी की छोटी पर स्थित है। इस किले तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता ग्वालियर गेट कहलाता है। इस रास्ते के द्वारा सिर्फ पैदल ही पहुंच सकते हैं। गांडिया उरवाई गेट नामक रास्ते से पहुंचा जा सकता है।
- इस किले को आठवीं शताब्दी में राजा सूरज सेन द्वारा बनवाया गया था। सूरज सेन पाल के 83 वे उत्तराधिकारी के पास इस किले का नियंत्रण रहा और 84 वे वंशज इस किले को हार गए। इतिहास और इतिहासकारों के अनुसार यह किला 10 वीं शताब्दी मैं मौजूद था।
- गवालियर के किले के परिसर में एक इमली का पेड़ है, जिसे महान संगीतकार तानसेन ने लगाया था। ऐसा माना जाता है कि जो भी इस पेड़ की इमली को खाता है, उसकी आवाज सुरूली हो जाती है।
- इस किले के अंदर सास बहू मंदिर में शिव और विष्णु दोनों भगवानों की मूर्तियां हैं।
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यदि आप भी उपर बताए गए तथ्यों के अलावा ग्वालियर से जुड़े किसी तथ्य के बारें में जानते हैं, तो आप हमारे साथ कमेंट सेक्शन में कमेंट करके शेयर कर सकते हैं।