जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने का बिल राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी पास कर दिया गया । अब इल बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और सरकार गजट नोटिफिकेशन के बाद दोनों प्रदेशों के बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर विधान परिषद को भंग और समाप्त कर दिया जाएगा।
दोनों केंद्र शासित राज्यों में किन मानकों के आधार पर होगा प्रशासनिक बदलाव:
- बंटवारे के बाद लद्दाख की राजधानी लेह होगी। वही, जम्मू-कश्मीर में राजधानी को लेकर अभी अंतिम फैसला बाकी है। मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर में 6-6 महीने के लिए जम्मू और श्रीनगर को राजधानी माना जाता है।
- राष्ट्रपति की ओर से अगली व्यवस्था होने तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों ही केंद्र शासित प्रदेश होगे जिसके उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक ही होंगे। वह मौजूदा जम्मू-कश्मीर राज्य के राज्यपाल हैं। जिसकी घोषणा अभी राष्ट्रपति द्वारा की जानी है।
- दोनों ही केंद्रशासित प्रदेशों के जिलों की जो सीमाएं हैं उन्में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
- जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश को 5 लोकसभा सीटें दी गई हैं, जबकि लद्दाख के पास एक लोकसभा सीट है।
- दोनों केंद्रशासित राज्यों में अलग से हाईकोर्ट नहीं बनेगा। मौजूदा जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ही दोनों का साझा हाईकोर्ट होगा।
- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच संपत्ति का विभाजन केंद्र द्वार बनाई जाने वाली कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर होगा। जिसके लिए सरकारी नोटिफिकेशन जारी होगा और उसके एक साल के अंदर विभाजन का काम पूरा कर लिया जाएगा।
- दोनों राज्यों के बीच रेवेन्यू का बंटवारा उनकी जनसंख्या, मौजूदा रिसोर्स और अन्य जरूरी पैरामीटर्स के आधार पर होगा। इनमें रेफरंस के तौर पर 14वें वित्त आयोग की मदद ली जाएगी जिससे 15वां वित्त आयोग दोनों राज्यों की व्यवस्था को बनाएगा।
- दोनों राज्यों में अधिकारियों और कर्मचारियों की तरह ही यथास्थिति के आधार पर पुलिस फोर्स इसी तरह बंटेगी। करगिल और लेह जिले की पुलिस लद्दाख में चली जाएगी, बाकी जिलों की पुलिस जम्मू-कश्मीर का हिस्सा होगी।
- नोटिफिकेशन जारी होने के 90 दिन में एक या इससे ज्यादा एडवाइजरी कमेटी बनाई जाएगी। ये कमेटी दोनों राज्यों के बीच बिजली, पानी की सप्लाई से जुड़े विभाजन पर फैसला लेगी साथ ही कमेटी निगमों की संपत्ति और मौजूदा कंपनियों में से लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या जाएगा, इसे भी सुनिक्ष्चित करेगी।
- जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे सभी प्रशासनिक अधिकारी और स्टेट कैडर से जुड़े आईएएस, आईपीएस और आईएफएस यथा स्थिति के आधार अगले आदेश तक मौजूदा जगह पर ही काम करते रहेंगे। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का गठन होने के बाद वहां की सरकार अपने प्रशासन का गठन करेगी।
- देश में अब 9 केंद्र शासित प्रदेश हो जाएंगे। 7 प्रदेशों में से 5 विधानसभा की व्यवस्था नहीं है। अब लद्दाख का यूटी मॉडल चंडीगढ़ जैसा होगा, जहां विधानसभा नहीं है। केंद्र द्वारा नियुक्त प्रशासन के अधीन यहां का संचालन किया जाएगा। लद्दाख के प्रशासक अपने क्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नगर निकायों का गठन करेंगे।