आपको पटना में आने के बाद धर्म और संस्कृति का मिला-जुला रूप देखने को मिलेगा। पूर्वी भारत की असली छाप देखनी है तो पटना की सैर एक बार करना आवश्य करें |
- ‘पाटली’ एक पेड़ की प्रजाति है, जो सिर्फ पटना में पायी जाती है। उसी पर इसका नाम इसका नाम पटलीपुत्र पड़ा।
- भारत की सर्वोच्च आईएएस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले लोगों में से भारी संख्या सिर्फ बिहार पटना से होती है।
- नील की खेती के लिए चम्पारण आन्दोलन और भारत छोड़ों आन्दोलन की शुरूआत पटना से ही हुआ |
- अब तक दुनिया का सबसे लम्बा सड़कमहात्मा गांधी सेतू पटना में स्थित है जो कि 5575 मीटर लम्बा है, इसे महात्मा गांधी सेतू कहते है |
- पटना शहर से चार नदियां गुजरती हैं- गंगा, सोन, गंडक और पुनपुन नदी।
पटना के आस पास के प्रमुख स्थान
- राजगीर
- हाजीपुर
- मनेर
- बिक्रम
- मनेर तेलपा
- बिहार शरीफ
- आरा
- बोध गया
- वैशाली
- नालंदा
- पावापुरी
पटना का खान पान
पटना का मुख्य भोजन भात-दाल-रोटी-तरकारी-अचार है | यहाँ का लिट्टी-चोखा पूरे भारत में बड़े चाव के साथ खाया जाता है | इसके अतरिक्त इन पकवानो का भी काफी प्रचलन है
- पुआ
- पिठ्ठा
- तिलकुट
- चिवड़ा या च्यूरा
- मखाना
- सत्तू
- लिट्टी-चोखा
- खाजा
- मावे का लड्डू
- मोतीचूर के लड्डू
- काला जामुन,
- केसरिया पेड़ा
- परवल की मिठाई
- खुबी की लाई और चना मर्की एवं ठेकुआ
पटना के स्थानीय घरों में अक्सर शनिवार के दिन हमेशा खिचड़ी बनाई जाती है। जिसके साथ अचार, पापड़, दही और घी भी खाया जाता है।
पटना के आस पास के दर्शनीय स्थल
हरमंदिर साहेब, पटना सिटी: तख्त श्रीहरमंदिर पटना सिखों के दसमें और अंतिम गुरु गोविन्द सिंह की जन्मस्थली है।
अगम कुआँ : मौर्य वंश के शासक सम्राट अशोक ने अगम कुआँ का निरमर करवाया था
कुम्रहार: चंद्रगुप्त मौर्य, बिन्दुसार तथा अशोक कालीन पाटलिपुत्र के समय में इसका निरमर हुआ था |
बेगू हज्जाम की मस्जिद : सन् 1489 में बंगाल के शासक अलाउद्दीन ने बेगू हज्जाम की मस्जिद का निरमर करवाया था |
‘पत्थर की मस्जिद – जहाँगीर के पुत्र शाह परवेज़ द्वारा 1621 ने इसका निरमर करवाया था |
शेरशाह की मस्जिद अफगान शैली में बनी महान शासक शेरशाह सूरी द्वारा 1540-1545 के बीच शेरशाह की मस्जिद बनवाई गयी थी।
पादरी की हवेली – सन 1772 में बंगाल के नवाब मीर कासिम तथा ब्रिटिस ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच की कड़वाहटों की पादरी की हवेली गवाह है।।
ख़ुदाबख़्श लाईब्रेरी अशोक राजपथ पर स्थित यह राष्ट्रीय पुस्तकालय 1891 में बना था |
क़िला हाउस :इसको जालान हाउस भी कहते है | क़िला हाउसका निरमर दीवान बहादुर राधाकृष्ण जालान ने करवाया था |
महावीर मन्दिर संकटमोचन रामभक्त हनुमान मन्दिर पटना
गांधी मैदान वर्तमान शहर के मध्यभाग में स्थित गांधी मैदान विशाल मैदान पटना का दिल है।
गोलघर : 1770 ईस्वी में इस क्षेत्र में आए भयंकर अकाल के बाद अनाज भंडारण के लिए बनाया गया था | इस इमारत की भब्यता देखते ही बनती है
विधान सभा: बिहार की बिहान सभा गाँधी मैदान के सामने है |
गाँधी संग्रहालय महात्मा गाँधी की स्मृतियों से जुड़ी चीजों का नायाब संग्रह देखा जा सकता है।
श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र गाँधी मैदान के पश्चिम भाग में बना विज्ञान परिसर स्कूली शिक्षा में लगे बालकों के लिए ज्ञानवर्धक केंद्र है।
पटना संग्रहालय इसको जादूघर के नाम से भी जानेवाले इस म्यूज़ियम में प्राचीन पटना के हिन्दू तथा बौद्ध धर्म की कई निशानियां है
ताराघर संग्रहालय : इन्दिरा गाँधी विज्ञान परिसर में बना ताराघर देश में वृहत्तम है।
सदाक़त आश्रम – देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद की कर्मभूमि।
संजय गांधी जैविक उद्यान – राजभवन के पीछे स्थित जैविक उद्यान शहर का फेफड़ा है।
दरभंगा हाउस इसको नवलखा भवन भी कहते हैं। दरभंगा हाउस का निर्माण दरभंगा के महाराज कामेश्वर सिंह ने करवाया था।
शिक्षा के संस्थान
अनुग्रह नारायण सिँह कालेज पटना का नामी कालेज है।
क्षेत्रीय संगीत
पटना में भारत के कई महँ संगीतकार हुए है जिनमे प्रमुख नाम डीवी पलुस्कर, ओंकार नाथ ठाकुर, भीमसेन जोशी, अली अकबर ख़ान, निखिल बनर्जी, विनायक राव पटवर्धन, पंडित जसराज, कुमार गंधर्व, बीजी जोग, अहमद जान थिरकवा, बिरजू महाराज, सितारा देवी, किशन महाराज, गुदई महाराज, बिस्मिल्ला ख़ान, हरिप्रसाद चौरसिया, शिवकुमार शर्मा जी का है
कालीदास, चाणक्य, आर्यभट्ट, पणिनि और वत्स्यानन की जन्मभूमि व कर्मभूमि भी पटना ही रही।
पटना के प्रमुख पर्व–त्यौहार
दीवाली, दुर्गापूजा, होली, ईद, क्रिसमस, छठ पटना के प्रमुख पर्व–त्यौहार है | जिसमे छठ पुरे बिहार में बढ़ी धूम धाम से मनाया जाता है | पटना में सबसे जयादा हिन्दू आबादी है जो की कुल जनसँख्या का ९१.८% है
धर्मों का वितरण (2001) |
||||
धर्म |
प्रतिशत |
|||
हिन्दू |
91.8% |
|||
इस्लाम |
7.8% |
|||
ईसाई |
0.2% |
|||
सिख |
0.1% |
|||
अन्य लोग |
RED LIGHT AREA in PATANA एक संगठित सेक्स बाजार हर रात बुद्ध स्मृति पार्क के पास ऑटो स्टैंड पर और पटना जंक्शन के 9 और 10 के मंच नंबर पर खुलता है। करीब एक दर्जन से अधिक युवा लड़कियों को पूरे सार्वजनिक दृश्य में ग्राहकों की खोज में देखा जा सकता है।