प्राय:देखा गया है कि मौसम परिवर्तन के कारण किसानों के समक्ष फसलों में कीट रोग लगने की और खरपतवार जैसी परेशानियाँ आती रहती है। जिसकी वजह से किसानों को कीट रोग और खरपतवार से फसलों को सुरक्षित रखने के लिए कीटनाशी रसायनों का छिडकाव भी करना पड़ता है। जिससे फसलों की लागत बढ़ जाती है एवं उनकी होने वाली आमदनी में कमी हो जाती है। परन्तु किसान की इस परेशानी का पुख्ता निवारण करने के लिए यूपी सरकार ने अपने प्रदेश के किसानों के लिए वर्ष 2018 से 2021-22 के लिए कीट रोग नियंत्रण योजना को शुरू किया गया था। मगर अब कीट रोग नियंत्रण योजना के असरदार परिणाम को देखते हुए अगले 5 वर्षो के लिए इस योजना को और चलाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। आइये हमारे आप सबको अपने लेख के द्वारा उत्तर प्रदेश कीट रोग नियंत्रण योजना कर इससे जुड़ी सारी आवश्यक सभी जानकारी के बारे में विस्तार पूर्वक बतातें हैं।
उत्तर प्रदेश कीट रोग नियंत्रण योजना 2022-
यूपी सरकार ने अपने राज्य के किसानों को कीटनाशकों एवं फसलों पर कीटनाशक दवाओं के छिड़काव करने वाली मशीनों पर सब्सिडी प्रदान करने के लिए कीट रोग नियंत्रण योजना को आरम्भ किया था। यह स्कीम वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक के लिए प्रदेश में लागू कर दी गयी थी। मगर अब इस योजना को 5 वर्षों के लिए और आगे बढ़ा दिए है अर्थात अब सरकार ने इस योजना को वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक और चलाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। 6 सितम्बर के दिन चीफ मिनिस्टर योगी जी की अध्यक्षता मत्रिमंडल की बैठक में अलग-अलग पारिस्थितिकी संसाधनों के द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान से सुरक्षित रखने के लिए इस योजना को सहमति देनी ही पड़ी। अब कीट रोग नियंत्रण योजना के द्वारा फसलों में वार्षिक खरपतवार से होने वाली 15 से 20 प्रतिशत हानि फसल रोगों से 26 प्रतिशत हानि और कीटों से 20 प्रतिशत होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा।
किसानों को खेती के लिए जैविक दवाओं पर 75% अनुदान दिया जाएगा-
इस योजना के अंतर्गत कीटनाशक एवं कृषि यंत्र मुहैया कराये जायेंगे। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत खाद्यान्न उत्पादन हेतु बायोपेस्टीसाइड्स और बायोएजेन्ट्स 75 प्रतिशत सब्सिडी पर मुहैया कराये जायेंगे। वर्त्तमान समय में प्रदेश में कीटनाशक/ खरपतवार रोग नियंत्रण के लिए एकीकृत नाशजीव प्रबंधन प्रणाली को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जिसके लिए प्रदेश में कृषि विभाग द्वारा 9 I. P. M. लैब की स्थापना की गयी है। जिनमे Biopesticides जैसे कि Trochoderma, Beauveria Vassiana N.P.V. और Bioagents Trichoderma का कार्ड उत्पादित किया जा रहा है।
किसानों को 50% सब्सिडी पर दी जाएगी रासायनिक दवाएं एवं स्प्रेयर-
कीट रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमान्त कृषकों को कीट एवं खरपतवार रोग नियंत्रण के लिए कृषि रक्षा रसायनों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर दिया जायेगा। गवर्नमेंट द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कृषकों को 1.95 लाख हेक्टेयर भूमि के लिए सब्सिडी पर कृषि रक्षा रसायन उपलब्ध कराये जायेंगे। रसायनों के साथ ही फसलों पर छिड़काव करने के लिए उपकरण भी मुहैया कराये जायेंगे। कृषि उपकरण पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जायेगा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6000 कृषि उपकरण प्रदान किये जायेंगे। इसके साथ ही एग्रीकल्चर मिनिस्टर ने जानकारी दी है कि मंत्रिपरिषद की मीटिंग में पारित प्रस्ताव के अनुसार लघु और सीमान्त कृषकों को ऊके प्रयोग में आने वाले अनाज को सुरक्षित रखने हेतु पिछले वर्षो में क्रमशः 2, 3 और 5 कुन्तल के स्टोरेज के सामान भी 50% सब्सिडी पर प्रदान किये जायेंगे। यूपी कीट रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत 2022 से लेकर 2027 तक 41 लाख 42 हजार किसानों को लाभान्वित किया जायेगा।
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कीट रोग नियंत्रण योजना के फायदे एवं विशेषताएं-
- चीफ मिनिस्टर आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की मीटिंग में कृषकों की फसलों को हानि से सुरक्षित करने के लिए कीट रोग नियंत्रण योजना के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
- Keet Rog Niyantran Yojana वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक संचालित की जाएगी।
- इस योजना के तहत फसलों में सालाना खरपतवार से होने वाली 15 से 20 प्रतिशत हानि, फसल रोगों से 26 प्रतिशत हानि एवं कीटों से 20 प्रतिशत होने वाली हानि से बच सकेंगे।
- इसके पूर्व यह योजना 2017-18 से 2021-22 तक के लिए शुरू की गयी थी जिसके अंतर्गत 11,58,321 कृषकों को विभिन्न मदों के तहत लाभान्वित किया जा चुका है।
- यूपी कीट रोग नियंत्रण योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा 5 वर्षों में 19257.75 करोड़ रूपये व्यय किये जायेंगे।
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस स्कीम पर 34.17 करोड़ रूपये व्यय किये जायेंगे।
- वर्ष 2022-23 के लिए खाद्यान्न उत्पादन हेतु Biopesticides एवं Bioagents 75 प्रतिशत अनुदान पर मुहैया कराये जायेंगे।
- राज्य में खरपतवार कीट रोग नियंत्रण हेतु एकीकृत नाशजीव प्रबंधन प्रणली को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। और प्रदेश में कृषि विभाग द्वारा 9 I. P. M. लैब की स्थापना की गई है।
- एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट द्वारा यूपी कीट रोग नियंत्रण योजना के तहत वर्ष 2022 से 2027 तक 41 लाख 42 हजार कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा।
पात्रता की शर्तें एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज-
- लाभार्थी यूपी का मूल निवासी होना चाहिए।
- केवल किसान ही इस योजना के अंतर्गत Apply कर सकते है।
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- भूमि के कागजात
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट आकार की फोटो
कीट रोग नियंत्रण योजना में आवेदन करने का प्रोसेस-
- सर्वप्रथम लाभार्थी किसान को अपने जनपद के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में जाना होगा।
- उसके बाद विभाग से सम्बन्धित अधिकारी से कीट रोग नियंत्रण योजना का एप्लीकेशन फॉर्म प्राप्त करना है।
- फिर इस एप्लीकेशन फॉर्म में आवेदक से जुड़ी जो भी डिटेल्स मांगी गयी है उसको ध्यानपूर्वक पढ़कर भरें।
- उसके उपरांत सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को एप्लीकेशन फॉर्म में संलग्न करें।
- फिर इस पूरित आवेदन पत्र को कृषि विभाग में ही जाकर जमा कर दें जहां से यह एप्लीकेशन फॉर्म आपको मिला था।
- इस तरह से आपकी योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी।
कीट रोग नियंत्रण योजना से संबंधित प्रश्न उत्तर-
प्रश्न-उत्तर प्रदेश कीट रोग नियंत्रण योजना क्या है?
उत्तर- यूपी सरकार के द्वारा कीट रोग की वजह से किसानों के होने वाले फसल को बर्बाद होने से बचाने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के तहत किसान को उनकी फसलों में लगने वाले रोगों से बचाने के लिए कीट नाशक दवाओं के छिड़काव के लिए आवश्यक मशीनों पर सब्सिडी एवं कीटनाशक पदार्थ प्रदान किये जायेंगे।
प्रश्न-उत्तर प्रदेश कीट रोग नियंत्रण योजना किसके द्वारा शुरू की गई है?
उत्तर- कीट नियंत्रण योजना की शुरुआत यूपी पिछले वर्ष मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के द्वारा की गई।
प्रश्न- इस योजना का लाभ किसको प्रदान किया जायेगा?
उत्तर- इस योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश के किसानों को ही प्रदान किया जायेग।