इन्टरनेट की बढ़ती व्यापकता की वजह से हर चीज डिजिटल होती जा रही है। सरकार भी टैक्स और अन्य जरूरी कामों को डिजिटल रूप से बढ़ावा देने का काम कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने नेशनल हाइवे पर टैक्स वसूलने के लिए एक डिजिटल प्रणाली स्थापित की है। इस डिजिटल प्रणाली का नाम ‘फास्टटैग’ है। आइये जानते है कि क्या होता है फास्टटैग और यह कैसे काम करता है।
क्या होता है फास्ट टैग?
फास्ट टैग एक क्यूआर कोड की तरह होता है। यह एक कार्ड होता है। जिसे टोल प्लाजा पर टोल टैक्स को डिजिटल रूप से भुगतान करने के लिए बनाया जाता है। यह मेट्रो कार्ड की तरह काम करता है। जिस तरह से मेट्रो कार्ड में रिचार्ज कराना पड़ता है और रिचार्ज होने पर ही हम ट्रेन में सफ़र कर पाते है ठीक उसी तरह फास्ट टैग में भी रिचार्ज कराना होता है जिससे हम टोल प्लाजा पर डिजिटल रूप से टोल टैक्स को अदा कर सके और नेशनल हाइवे पर यात्रा कर सके।
फास्ट टैग कैसे करता है काम?
फ़ास्ट टैग को गाड़ी के सामने वाले शीशे (विंड शील्ड) में अन्दर की ओर लगाया जाता है। टोल प्लाजा पर एक स्कैनर लगा होता है जो गाड़ी में लगे इस फास्ट टैग को स्कैन करके टोल टैक्स को काटता है। स्कैनर टोल प्लाजा पर ऊपर लगा होता है। जब गाड़ी नीचे की ओर गुजरती है तो यह फास्टटैग को स्कैन करता है। इसके लिए गाड़ियों के बीच 4 मीटर की दूरी होनी चाहिए। टोल प्लाजा पर गाड़ी धीमी होने से स्कैनर फास्टटैग को आसानी से स्कैन कर लेता है।
फ़ास्ट टैग से होने वाले फायदे
पहले जब मैन्युयली टोल टैक्स काटा जाता था तो नेशनल हाइवे पर गाड़ियों की लम्बी-लम्बी कतारे लग जाया करती थी। इससे जाम की समस्या होती थी। टोल टैक्स की वसूली भी मुश्किल हो जाती थी। इससे समय की खपत भी बहुत ज्यादा होती थी। फास्ट टैग के आने से टोल टैक्स की वसूली डिजिटल रूप से होने से समय की बचत होगी, रोड पर जाम कम लगेगा। टोल टैक्स वसूलने में आसानी होगी। सरकार के पास हर गाड़ियों से कटे टैक्स की जानकारी डिजिटल रूप से होगी। आवाजाही में कोई परेशानी नहीं होगी।
वर्तमान में फ़ास्टटैग के 2 करोड़ यूजर है। फास्टटैग के जरिए से सरकार को देश के हर नेशनल हाइवे से रोज 80 करोड़ रूपये से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होता है। इसे एनईटीसी (नेशनल इलेक्ट्रोनिक टोल कलेक्शन) हैंडल करता है।
फास्ट टैग के प्रकार
फ़ास्ट के दो प्रकार होते है और इसका रंग 7 प्रकार का होता है। पहला प्रकार एम (M) टाइप का होता है, यह व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए उपयोग होने वाली गाड़ियों में लगाया जाता है। इस फास्ट टैग का रंग बैंगनी होता है।
दूसरा प्रकार होता है एन (N) टाइप का। इसमें 6 रंग होते है। इस कैटेगरी में कमर्शियल इस्तेमाल में उपयोग होने वाली गाड़ियाँ शामिल होती है। नार्मल भाड़ा धोने वाली गाड़ियों के लिए संतरे के रंग का फास्टटैग होता है। इसके बाद एक्सेल(पहिये) के हिसाब से फास्टटैग के कार्ड का रंग होता है। जैसे कि एक्सेल 2 के लिए हरा, एक्सेल 3 के लिए पीला, एक्सेल 4,5,6 के लिए गुलाबी, एक्सेल 7 के लिए आसमानी नीले रंग का फास्टटैग होता है। वहीं मशीन वाली गाड़ियों जैसे कि क्रेन और जेसीबी के लिए काले रंग का फास्टटैग दिया जाता है।