आप लोगों को यह तो मालूम होगा कि मैट्रों में सफर करते समय उसके फ्लोर पर बैठना सख्त मना होता है। मेट्रो में सफर के दौरान आप सभी ने कई बार यह घोषणा होती हुई सुनी होगी कि ‘मेट्रो के फर्श पर न बैंठें’। इसके बावजूद भी अगर कोई व्यक्ति फर्श पर बैठता है, तो उसे नियम का उल्लंघन माना जाता है।
लेकिन आपने कभी यह सोचा है कि आखिर क्या वजह है, जो किसी को भी मेट्रो के फर्श पर बैठने की परमिशन नहीं होती है। जी हां, दोस्तों मैं आज आपको बताने जा रहीं हूं कि कौन से ऐसे कारण है, जिनकी वजह से मेट्रो में यात्रा कर रहे लोगों को फ्लोर पर बैठने नहीं दिया जाता है-
1. पहला कारण यह है कि जितनी जगह में एक आदमी नीचे फ्लोर पर बैठता है, उतनी जगह में तीन से चार लोग खड़े हो सकते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मेट्रो में कितनी ज्यादा भीड़ होती है। ऐसे में अगर आप नीचे न बैठकर खड़े रहते हैं, तो और भी कई लोगों को खड़े होने की जगह मिल जाएगी।
2. दूसरा और सबसे बड़ा खतरे वाला कारण यह है कि यात्रियों के फर्श पर बैठने के कारण मैट्रो के पलटने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। जी हां यह बात बिल्कुल सच है। आपकी जानकारी के लिए बता दें मेट्रो का संतुलन को बनाए रखने के लिए मेट्रो के कोच को प्रति वर्ग मीटर 25 लोगों के लिए बनाया गया है। आपको मालूम है कि सफर के दौरान मेट्रो घुमावदार ट्रैक पर होती है या फिर एक पटरी से दुसरी पटरी पर जाती है, तो उस समय उसकी गति काफी धीमी होती है।
यही वजह कि इस दौरान मेट्रो के फर्श पर बैठे यात्रियों से अधिक दबाव बन सकता है। जिस कारण मेट्रो के अपने ट्रैक से उतरने के चांस काफी बढ़ जाते हैं। यदि ऐसा होता हैं, तो न जाने कितने लोगों की जानें जा सकती हैं। इसलिए यात्रा करते वक्त मैट्रो फ्लोर पर न बैठें।
3. तीसरा कारण यह है कि मेट्रो में नीचे बैठे लोगों के कारण ट्रेन ओवरलोड हो सकती है।
4.चौथा कारण यह है कि मेट्रो में खड़े होकर यात्रा कर रहे लोगों की तुलना में फर्श पर बैठे लोगों से दबाव ज्यादा बढ़ जाता है।
5. पांचवा कारण यह है कि जब मेट्रो आती है, तो उसमें यात्री काफी तेजी से चढ़ते हैं, इस बीच मेट्रो के फर्श पर बैठे लोगों को चोट लगने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।