तिहाड़ जेल में दाखिल होने से पूर्व बाहर खड़े मीडियाकर्मियों को देखकर चिदंबरम थोड़ा मुस्कुराये जरूर थे पर परिसर में दाखिल होने के बाद कुछ बेचैन नजर आए। जेल सूत्रों के अनुसार, जरूरत पड़ी तो उन्हें काउंसिलिंग की सुविधा भी मुहैया कराई जा सकती है। अन्य कैदियों की तरह ही चार स्तरीय सुरक्षा घेरे के बीच चिदंबरम को रखा गया है।
जेल में चिदंबरम की रात सीमेंट के फशे पर ही गुजरी। बिझाने के लिए दरी और चादर दी गई, रात के भोजन में उन्होंने दाल, रोटी और सब्जी खाई। जेल में उनकी दिनचर्या सुबह छह बजे शुरू होगी। सुबह छह बजे से शाम सात बजे तक उन्हें उन तमाम प्रक्रियाओं का सामना करना होगा जो अन्य कैदी करते हैं। सुबह छह बजे सोकर उठने के बाद सात बजे वह अपने सेल के बाहर निकलकर कैदियों की गिनती में शामिल होंगे। तिहाड़ जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक राजकुमार ने बताया कि जेल की सेल में चौकी या चबूतरे की सुविधा नहीं दी सकती ।
तिहाड़ की जेल नंबर 7 में आम तौर पर आर्थिक अपराध से जुड़े आरोपियों को रखा जाता है। अमूमन जेल नंबर 7 में पहुंचे कैदियों को जमीन पर ही सोने का इंतजाम होता है। जेल की तरफ से तीन-चार कंबल दिए जाते हैं। पी. चिंदबरम की उम्र चूंकि 60 साल से ज्यादा है। लिहाजा जेल मैनुअल के हिसाब से उन्हें लकड़ी का तख्त सोने के लिए दिया जाएगा।
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि चिदंबरम को जेल नंबर 7 में एक अलग कोठरी में रखा जाएगा। खाने में उन्हें रोटी, दाल और सब्जी दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें वेस्टर्न टॉइलट की भी सुविधा दी जाएगी। चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से अपने मुवक्किल को जेल में वेस्टर्न टॉइलट देने की मांग की थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।