नई दिल्ली।Civil Services Day देशभर में आज मनाया जा रहा है।आपको बता दें कि ये खास दिन नागरिक सेवाओं के लिए काम कर रहे सिविल सर्वेन्ट्स को समर्पित रहता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज के दिन सभी सिविल सर्वेंट्स की कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भागीदारी को सराहा है।आइए जानें क्यों मनाते हैं ये खास दिन और इससे जुड़ी सभी बातें।
बता दें कि सिविल सर्विस कर रहे लोग देश की सरकार के सार्वजनिक क्रियान्वयन और प्रशासनिक व्यवस्थाओं के लिए जवाबदेह है। विधायी, न्यायपालिका और सैन्य कर्मी सभी सिविल सर्वेंट हैं।सिविल सेवा के सदस्य किसी भी राजनीतिक सत्तारूढ़ पार्टी के लिए कोई प्रतिज्ञा नहीं लेते हैं, लेकिन सत्तारूढ़ राजनीतिक दल की नीतियों के निष्पादक जरूर होते हैं।
जानिए कहां से आया ये शब्द
सिविल सेवा (Civil Service) शब्द ब्रिटिश काल में आया था जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नागरिक कर्मचारी प्रशासनिक नौकरियों में शामिल थे। ब्रिटिश सरकार उन्हें ‘लोक सेवक’ यानी सिविल सर्वेंट कहकर बुलाती है। इसकी शुरुआत वॉरेन हेस्टिंग्स ने की बाद में चार्ल्स कॉर्नवॉलिस (Charles Cornwallis) ने इसमें सुधार किए। इसलिए उन्हें “भारत में नागरिक सेवाओं के पिता” (“Father of Civil Services in India”) के रूप में जाना जाता था।
भारत में सिविल सेवा में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवा समूह A और समूह B की व्यापक सूची शामिल है। 21 अप्रैल सिविल सेवा को समर्पित है। लोग अपनी अनुकरणीय सेवाओं की स्मृति में और जो उन्होंने वर्षों पहले किया है उसे वापस प्रतिबिंबित करने के लिए इस दिन को मनाते हैं। इसके अलावा, इस दिन वे आने वाले वर्ष के लिए योजना बनाते हैं कि उन्हें अपने संबंधित विभागों के लिए कैसे काम करना है।
जानिए 21 अप्रैल को ही क्यों मनाते हैं Civil Services Day
सरदार वल्लभ भाई पटेल गृह सदस्य, संसद ने 21 अप्रैल 1947 को अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन किया था। दिल्ली के मेटकाफ हाउस में अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण स्कूल में परिवीक्षाधीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने एक प्रभावी भाषण दिया और सिविल सेवकों को अतीत के अनुभव को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रीय सेवा की सच्ची भूमिका को अपनाने का अधिकार दिया। अपने भाषण में उन्होंने सिविल सेवकों को ‘भारत का स्टील फ्रेम’ कहा। इस तरह का पहला समारोह 21 अप्रैल, 2006 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इसलिए, 2006 से इसे 21 अप्रैल को राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोक प्रशासन में विशिष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी दिए जाते हैं।
जानिए इस दिवस को मनाने का उद्देश्य
– सिविल सेवा अधिकारियों के कार्य और प्रयासों को प्रेरित करना और उनकी सराहना करना।
– केंद्र सरकार सबसे अच्छा काम करने वाले व्यक्तियों और समूहों को पुरस्कार देती है।
– केंद्र सरकार इस अवसर का उपयोग सिविल सेवाओं के तहत विभिन्न विभागों के काम का मूल्यांकन करने के लिए करती है।
– इस दिन ज्यादातर केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लोक प्रशासन के क्षेत्र में उनकी असाधारण सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाता है।
हर साल लाखों उम्मीदवार भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि सिविल सेवा वह स्तंभ है, जिस पर सरकार देश की नीतियों और कार्यक्रमों को सुचारू रूप से चलाती है।
तो फिर हमारी ओर से भी सिविल सेवा से जुड़े हर लोगों को इस दिवस की बहुत शुभकामनाएं।