क्या होती है गर्भनिरोधक गोलियां:-
ये वो गोलियां होती है जिसे महिलायें अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए नियमित खाती है. मिश्रित गर्भनिरोधक गोलियों में दो तरह के हार्मोंस होते है एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन. दो प्रकार की गर्भनिरोधक गोलियां बाज़ार में आती है. एक तो कम्बाइन्ड ओरल कन्ट्रासेप्टीव पिल के नाम से आती है जिसका संक्षिप्त नाम सीओसीपी है. और एक आती है मिनी पिल के नाम से जिसका पूरा नाम प्रोजेस्टिन ओनली पिल है. इसे संक्षिप्त रूप पीओपी भी कहते है. लेकिन इन गोलियों के बारे में बहुत ही कम लोगो को ज्ञान होता है और अधिकतर लोग दोनों ही तरह की गोलियों को गर्भनिरोधक गोलियां कहते है.
लाभ :-
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अनचाहे गर्भ को रोकने में बहुत ही मददगार साबित होती है.
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आप जब भी गर्भवती होना चाहे इसका सेवन या इस्तेमाल करना बंद कर सकती है.
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माहवारी के समय होने वाली तकलीफ को कम करती है.
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बिना किसी बाधा के आप सुरक्षित सेक्स कर सकती है.
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गोलियों के सेवन से किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं होती है.
हानियाँ:-
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इसका सेवन नियमित रूप से करना पड़ता है. यदि इसके सेवन में किसी भी प्रकार की अनियमितता आती है तो महिलायें गर्भवती भी हो सकती है.
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यौनजनित रोगों से सुरक्षा नहीं करती है.
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इसके सेवन से उबकाई आन या उल्टियां भी हो सकती है.
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बिना चिकित्सक की सलाह से नहीं ले सकते है.
क्या है अनवांटेड ७२ आई पिल :-
ये तो हुई गर्भनिरोधक गोलियों की बात. अब हम चर्चा करेंगे अनवांटेड ७२ आई पिल के फायदे और नुक्सान के बारे में लेकिन इससे पहले हम ये जानेंगे कि आखिर ये क्या होती है अनवांटेड ७२ आई पिल ? दोस्तों ये भी एक गर्भनिरोधक गोली ही होती है लेकिन इसे अक्सर जवान प्रेमी जोड़ों या शादीशुदा जोड़े द्वारा असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने के बाद अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल करते है. इसका ये उपरोक्त नाम इसीलिए पड़ा है कि यौन सम्बन्ध बनाने के ७२ घंटे के भीतर ही इस गोली का सेवन करना पड़ता है ताकि गर्भ ठहरने का खतरा न रहे. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसका सेवन अन्य गर्भनिरोधको की अपेक्षा नियमित रूप से नहीं करना पड़ता है. इसकी एक ही खुराक अपना काम जल्दी से कर से कर देती है. आजकल जिस तरह का माहौल हमारे समाज में व्याप्त हो चुका है और विदेशी सभ्यता के चलते बहुत से प्रेमी जोड़े भावनाओं के वशीभूत होकर असुरक्षित यौन सम्बन्ध बना तो लेते है लेकिन इससे कई बार युवतियां गर्भवती भी हो जाती है. ऐसी दशा में अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए गर्भपात का सहारा लिया जाता है लेकिन ऐसी परिस्थिति में कई बार गर्भवती स्त्री की जान भी जोखिम में आ जाती है. ऐसी स्थितियों से छुटकारा पाने के लिए और गर्भपात जैसी अनचाही स्थिति से बचने के लिए ही अनवांटेड ७२ गोली को बनाया गया है. चूँकि ये गोली अधिकतर आपातकाल में इस्तेमाल की जाती है इसीलिए इसे आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली भी कहते है.
अनवांटेड ७२ आई पिल में एक प्रकार का Levonorgestrel नामक रासायनिक द्रव्य होता है जो कि निषेचित अण्डों को गर्भाशय में जाने से रोकती है. इसी से महिलाओं को अनचाहे गर्भ से मुक्ति मिलती है.
अनवांटेड ७२ आई पिल को कैसे उपयोग में लायें :-
अनवांटेड ७२ आई पिल को इस्तेमाल करना बेहद ही आसान है. ये गोली आपके मोहल्ले या शहर के किसी भी दवाई की दूकान से आसानी से मिल जाती है और सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसे खरीदने के लिए आपको किसी चिकित्सक के पर्ची की भी आवश्यकता नहीं होती है. इसे बेहद सावधानी से लेना होता है और खरीदने से पहले इस गोली की समापन तिथि को अनिवार्य रूप से देखना होता है. इसे सम्भोग के ७२ घंटों के भीतर भोजन के बाद पानी से लेना होता है. यदि महिलायें चाहे तो अधिक जानकारी के लिए किसी महिला चिकित्सक से परामर्श भी ले सकती है.
अनवांटेड ७२ आई पिल के नुक्सान :-
इस गोली के फायदे है तो कुछ नुकसान भी है. आइये हम इनके नुक्सान की चर्चा करते है. ऐसा देखा गया है कि इस गोली के सेवन से होने वाले नुक्सान अलग-अलग महिलाओं पर अलग-अलग होते है. जैसे कि सेवन के कुछ समय बाद पेट में दर्द होना, जी मिचलाना या उलटी होना, भूख-प्यास में कमी, सरदर्द, थकावट और कमजोरी महसूस होना, शरीर में दर्द, चक्कर आना या फिर स्तनों में दर्द होना. उपरोक्त हानियों के अतिरिक्त अस्थानिक गर्भ भी इस गोली का एक अन्य नुक्सान है जो कि निषेचित अंडे गर्भाशय के स्थान पर गर्भाशय नाल में स्थानांतरित हो जाते है. हालांकि अन्य गर्भनिरोधकों की तुलना में इसका नियमित सेवन नहीं किया जा सकता है.
इसका सेवन लम्बे समय तक करते रहने से गंभीर परिणाम भी हो सकते है. जैसे कि वजन का बढ़ना या फिर बच्चेदानी में संक्रमण, माहवारी का अनियमित होना या बंद होना और त्वचा सम्बन्धी हानि भी हो सकती है.
उपरोक्त हानियों से बचने का सबसे बेहतर उपाय है सुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाना. सम्भोग के २४ घंटों के भीतर इसका सेवन सर्वाधिक प्रभावशाली होता है लेकिन जैसे-जैसे सम्भोग की अवधि बढती जायेगी ये गोली कम प्रभावशाली होती जायेगी. जैसे कि ७२ घंटो के भीतर ५८% तो २४ घंटो के भीतर ९५% असरदार होती है. इस गोली को सिर्फ आपातकाल की स्थिति में ही लेना चाहिए. इसके नियमित सेवन से बचना चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण बात आपको याद रखनी होगी कि ये कोई गर्भपात करने वाली दवाई नहीं है. अत्यधिक सेवन से नियमित माहवारी पर इसका दुष्परिणाम देखा गया है. यदि इस गोली के सेवन से किसी भी महिला को उलटी होती है तो इसे फिर से लिया जा सकता है लेकिन बेहतर होगा कि किसी महिला चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें.
किन दशाओं में अनवांटेड ७२ आई पिल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए :-
किन्ही विशेष परिस्थितियों में चिकित्सकों ने इन गोलियों के सेवन पर पाबंदी की हुई है जैसे कि यदि कोई महिला गर्भवती है, या फिर यौन सम्बन्ध बनाने के ७२ घंटों के बाद, यदि किसी महिला के गुप्तांगो से रक्त स्राव हो रहा हो और निश्चित कारण ज्ञात न हो, उच्च रक्तचाप या ह्रदय रोग की स्थिति में, यदि कोई महिला मधुमेह से ग्रसित हो, या फिर स्तन कर्क रोग, या फिर पहले से किसी दवाई का सेवन कर रही हो जैसे कि टी.बी. या एच.आई.वी, या यकृत से सम्बंधित बिमारी में अवश्य ही किसी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.
हमारा सभी विवाहित और अविवाहित महिलाओं से निवेदन है कि गर्भनिरोधक गोलियों से सम्बंधित उपरोक्त जानकारी को पूरी तरह से अमल में लाकर सुरक्षित यौन सम्बन्ध ही बनाये ताकि इस गोली को लेने की नौबत ही ना आये. यदि फिर भी किन्ही कारणोंवश इस गोली के सेवन की स्थिति आती है तो फिर अपने चिकित्सक से अवश्य ही परामर्श करें.