हमारे देश में यूं तो बहुत से त्यौहार मानाए जाते हैं और सबका अपना-अपना महत्त्व है। हर त्यौहार को सेलिब्रेट करने के पीछे की कोई न कोई असली कहानी जरूर होती है। जैसे कि दीवाली का त्यौहार राम जी के बनवास से लोटने की खुशी में मनाया गया था। इसी तरह से और भी कई पर्व हैं, जिन्हें मनाने के पीछे कोई न कोई वजह छिपी हुई है।
दोस्तों आज इस पोस्ट के माध्यम से आपको बताउंगी कि वैलेंटाइन डे मनाने की असली कहानी क्या है? यदि आप नहीं जानना चाहते हैं कि आखिर वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है, तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
जैसे कि आप सभी जानते हैं वैलेंटाइन डे हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन को प्यार का दिन भी कहा जाता है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों हर साल 14 फरवरी को यह दिन मनाया जाता है?
वैलेंटाइन डे मनाने के पीछे की कहानी कुछ इस प्रकार है-
बता दें कि वैलेंटाइन डे की कहानी क्रूर और दुष्ट राजा Claudius और कृपालु संत वैलेंटाइन के बीज हुई मुठभेड़ से जुड़ी हुई है।
तीसरी सदी में रोम में Claudius नाम का राजा हुआ करता था, जिसका यह मनाना था कि एक कुंवारा सिपाही शादीशुदा सिपाही के मुकाबला जंग के मैदान में ज्यादा प्रभावशाली, उचित और मजबूत सिपाही बन सकता है।
क्योंकि विवाहित सिपाही को हमेशा अपने परीवार की चिंता सताती रहती है कि आखिर उसके मरने के बाद उसके परिवार का क्या होगा। जिस वजह से वह युद्ध भूमि में ध्यानकेंद्रित करने में असमर्थ होता है। इसलिए रोम के राजा ने यह फैंसला लिया कि उसके राज्य में कोई भी सिपाही शादी नहीं करेगा। इसके अलवा कोई सिपाही उसके आदेश की अवज्ञा करता है, तो उसको (सिपाही) कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
जिसके बाद किसी भी सिपाही में इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वह राजा के आदेश के खिलाफ जा सके। मजबूरन सभी सिपाहियों को Claudius का आदेश मानने पड़ा। लेकिन संत वैलेंटाइन को सिपाही के साथ यह नाइंसाफी पसंद नहीं आयी और वह राजा से छुपकर सभी सिपाहियों की शादियां करवाने लगे।
अब जिस भी सिपाही को अपनी प्रमिका के साथ शादी करवानी होती थी, वह संत वैलेंटाइन के पास आ जाते थे और वैलेटाइन उनकी गुप्त शादी करवा दिया करते थे।
जैसे ही सिपाहियों की शादी करवाने की बात राजा को पता चली तो उसने संत वैलेंटाइन को मौत की सजा सुना दी और जेल में डाल दिया।
अब जेल के अंदर संत अपनी मौत का इंतजार कर रहे था। आपको बता दे कि रोम के लोग का कहना था कि संत Valentine के पास दिव्य और चमत्कारी शक्तियां थी, जिनकी सहायता से वह गंभीर से गंभीर रोग को दूर कर सकते थे।
यही वजह थी कि जब जेलर Asterius को संत वैलेंटाइन की इस अमौलक शक्ति के बारे में पता चला, तो वह एक दिन जेल में बंद संत के पास गया और अपनी अंधी बेटी की आंखों की रोशनी को सही करने की प्रर्थना करने लगा।
बता दें कि वैलेंटाइन बहुत ही पाक और मददगार इंसान थे। उन्होंने अपनी दिव्य शक्ति का प्रयोग करके जेलर की बेटी को अंधेपन से छुटकारा दिला दिया।
उसके बाद से ही जेलर की बेटी और संत वैलेंटाइन के बीच काफी गहरी दोस्ती हो गयी और न जाने कब यह मित्रता प्रेम में बदल गयी।
लेकिन जब जेलर की बेटी को यह बात पता चला कि वैलेंटाइन की मृत्यु होने वाली है, तो उसको बहुत गहरा सदमा लगा और आखिर वह दिन (14 फरवरी) आ ही गया जब संत को फांसी होनी थी।
संत वैलेटाइन ने जेलर की बेटी को गुड बाए मैसेज भेजा, जिसमें उसने आखिर में लिखा था ‘तुम्हारा वैलेंटाइन’। यह संदेश आज भी लोगों के जहन में जिंदा है।
संत वैलेंटाइन के इस असाधरण वलिदान की वजह से ही 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के नाम से पुकारा जाता है। यह दिन उनकी याद में काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
इस दिन सभी प्यार करने वाले इक दूजे को फूल, गिफ्ट, चॉकलेट आदि देकर अपने प्यार की फीलिंग को व्यक्त करते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको वैलेंटाइन डे की पूरी कहानी समझ में आ गयी होगी। हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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