भारतीय सस्कृतियों का वो मंदिर जहा की कलाकृतिया लोगो को अपनी और आकर्षित करता है यह मंदिर विश्व के विशाल हिन्दू मंदिरों में से एक है अक्षरधाम मंदिर बनाने के पीछे BAPS नामक संस्था का हाथ है जिसका अर्थ बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्था से है इसके प्रमुख स्वामी महाराज ने इस मंदिर को बनाने में महत्पूर्ण भूमिका निभाई थी।
अक्षरधाम समय
कहां स्थित है: राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर, अक्षरधाम सेतु | |
फोन | 22016688, 22026688 |
नज़दीकी मेट्रो स्टेशन | अक्षरधाम |
समय | प्रथम प्रवेश: 9:30 AM |
अंतिम प्रवेश: 6:30 PM | |
प्रदर्शनी के टिकट | 10 AM to 5 PM |
परिसर में प्रवेश | निःशुल्क | कोई टिकट नहीं |
प्रदर्शनी: शुल्क | टिकट | |
व्यस्क | 170 |
वरिष्ठ नागरिक | 125 |
बच्चा (4-11 वर्ष) | 100 |
बच्चा (4 वर्ष से कम) | निःशुल्क |
संगीतमय फव्वारा: शुल्क | टिकट | |
व्यस्क | 30 |
वरिष्ठ नागरिक | 30 |
बच्चा (4-11 वर्ष) | 20 |
बच्चा (4 वर्ष से कम) | Free |
अवकाश के दिन: | सोमवार |
फोटोग्राफी | अनुमति नहीं है |
मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स |
अनुमति नहीं है (अमानती सामानघर उपलब्ध है)
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अक्षरधाम मंदिर दिल्ली history
आज के प्राचीन मंदिर भारत के इतिहास और इतिहासिक कलाकृतियों को बयां करती है। यह मंदिर दिल्ली में मुख्य अकर्षण का केंद्र है जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है। इस मंदिर में भारत की सदियों पुरानी परम्परा आज भी विराजमान है। अक्षरधाम मंदिर को आधिकारिक तौर पर 6 नवम्बर 2005 को डॉ ए पी जे अब्दुल के दौरा खोला गया इसका इतिहास 10000 वर्ष पुरानी है ऐ मंदिर भारतीय संस्कृति की वो धरोहर है जिसपे आध्यमिकता की चाप छोड़ी गयी है। यह मंदिर ज्योति धार स्वामीनारायण भगवन की स्मिर्ति में बनाया गया है। यह करीब 100 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। यहाँ का मनमोहक आगाज दिल्ली आने वाले लगभग 70 प्रतिसत लोगो को अपनी और आकर्षित करता है.
यह मंदिर यमुना तट पर बना हुआ है जो पूरी तरह से वस्तु शास्त्र और पंचरात शास्त्र के अनुसार है। स्वामीनारायण में हिन्दुओँ के अनुसार अक्षरधाम का अर्थ भगवन का निवास स्थान से है। अक्षरधाम मंदिर 141 फुट ऊंचा और 316 फुट फैला और 356 फूट लम्बा है यह मंदिर को फूलो , पशुओ नर्तकों संगीतकारों और अन्यायियों से सजाया गया है। इस मंदिर को राजस्थानी गुलाब के पथरो से और इतालियन मार्वल से बनाया गया है ऐ एक ऐसा इतिहासिक मंदिर है जिसको बनाये में किसी भी तरह के मेटल का उपयोग नहीं किया गया है इस मंदिर में 234 आभूषित किये पीलर है 9 गुम्बद और 20000 साधुओं और कई अनुयायिओं और आचार्यों का मुर्तिया है इस मंदिर के निचले भाग में गजेंद्र पीठ है और हाथी का स्तंभ है जिसे भारतीय हिन्दू संस्कृति में बहुत महत्व दिया गया है इसमें 148 विशाल हाथी बनाये गए है जिनका बजन तकरीवन 3000 टन होगा। इस मंदिर में सीता राम राधा कृष्णा, शिव पार्वती और लच्मी नारायण की मुर्तिया है और मंदिर के बिच में जो 11 फुट ऊंची मेन गुम्बद है उसपे विराजमान है स्वामीनारायण भगवन।
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली आगामी ईवेंट
अक्षरधाम मंदिर का मेन ईमारत एक सरोवर से घिरी हुयी है जिसे नारायण सरोवर कहा जाता है जिसमे देश की तकरीवन 151 विशाल सरोवर और नदियों का पानी भरा हुआ है। सरोवर के पास ही 108 गो मुख बने हुए है और ऐसा है की यही 108 मुख भगवन का प्रतिनिधित्व करते है। इस मंदिर में एक और आकर्षित की खुबसुरतियों को बढ़ा रहा है कमला बाग इसका नाम इसके आकर के आधार पर रखा गया है यह गार्डन पवित्रता का प्रतीक है ऐसा कहा जाता है की इस मंदिर में देश विदेश से इतिहास कई महापुरुष वैज्ञानिक इस गार्डन में आये थे। इस मंदिर में बहुत से आकर्षक इमारते बनायीं गयी है जो भारतीय इतिहास की महानता और सस्कृति को दर्शाता है इस मंदिर में एक फिल्म स्क्रिन भी लगी हुयी है जो भगवन स्वामीनारायण के जीवन पर आधारित फिल्म दिखाई जाती है।
गिनीज वर्ल्ड बुक रिकॉड में भी इस मंदिर का नाम शामिल है अक्षरधाम मंदिर में यगण पुरुष कुंड भी है जो पूरी दुनिया का सबसे बड़ा कुंड है कमल के आकर में बने इस कुण्ड में 108 छोटे तीर्थ स्थान और 2870 सीढिया बानी हुयी है कहा जाता है की यह कुण्ड का आकर जोयेमेट्रिक के हिसाब से एकदम परफेक्ट है और यह कुण्ड भारतीय इतिहास के महान गणितगयों की महानता को दर्शाता है। कहते है भारत के इतिहास में कई सारे मंदिर हुए जिसमे अक्षरधाम मंदिर भारत के इतिहास और इसकी इतिहासिक कलाकृतियों को बया करती है और भारत की सदियों पुराणी परंपरा को कायम रखे हुयी है।