Government Schemes For Village Entrepreneurs in Hindi

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government assistance to rural entrepreneur

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम

स्वरोजगार ( Self Employment) के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों की बहुत सी योजनाएं हैं. अपना काम शुरू करने से जहां अपने मन का काम करने का मौका मिलता है वहीं, बेरोजगार लोगों को भी रोजगार देने का मौका मिलता है. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, मंत्रालय प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम( Prime Minister’s Employment Generation Program) उद्यमियों के लिए चला रही है. योजना का पूरा उदेश्य स्वरोजगार को बढ़ाना है. इसके अंतर्गत छोटे और मंझोले उद्यम लगाने के लिए सरकार अनुदान देती है. योग्यता- यह योजना अपना काम शुरू करने वाले सभी उद्यमियों के लिए है.

 

लाभ- 25 लाख रूपये तक के विनिर्माण(जैसे जूते, बैग्स, क्राफ्ट आदि) तथा 10 लाख तक के सेवा उद्योगों के लिए इस योजना के लिए अनुदान मिलता है.

 

इस योजना में सामान्य वर्ग के उद्यमी को ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग लगाने पर कुल लागत का 25 फीसदी तथा शहरी क्षेत्र में 10 फीसदी अनुदान मिलता है.वहीं, एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक/महिलाओं/विकलांग/पहाड़ी और अंतराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों/उत्तरी पूर्वी राज्यों के निवासियों को गांव में उद्योग लगाने पर 35% अनुदान तथा शहरों के लिए 25% अनुदान दिया जाता है.

प्रक्रिया-

राष्ट्रीय स्तर पर योजना को लागू करने के लिए खादी एवं ग्रामीण उद्योग कमीशन को नोडल एजेंसी बनाया गया है. राज्यों में खादी एवं ग्रामीण विकास बोर्ड को यह जिम्मेदारी दी गई है. योजना के अंतर्गत खादी एवं ग्रामीण उद्योग कमीशन के माध्यम से अनुदान दी जाती है. सभी प्रकार के लेन-देन बैंक से किए जाते हैं. योजना की अधिक जानकारी जिला उद्योग केन्द्र से ली जा सकती है.

इसके साथ ही ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार महिला कॉइर योजना चला रही है. यह योजना सभी ग्रामीण महिलाओं के लिए है. यह योजना सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय का कॉइर बोर्ड द्वारा चलाया जा रहा है.
योग्यता- यह योजना सभी ग्रामीण महिलाओंं के लिए है.

लाभ-  इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को क्षेत्रीय स्तर पर उपलब्ध रेशा आधारित कुटीर उद्योग लगाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. दो महीने तक चलने वाले प्रशिक्षण के दरम्यान 1,000 रूपया की छात्रवृत्ति दी जाती है. प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को अपना कुटिर उद्योग लगाने के लिए कुल लागत का 75 फीसदी अनुदान दिया जाता है. अनुदान की राशि अधिकतम सीमा 7,500 रूपया निर्धारित की गई है.प्रशिक्षण कॉयर बोर्ड के सभी प्रशिक्षण केन्द्रों पर प्राप्त किया जा सकता है.

बैकयार्ड कुक्कुट योजना:

योजना का उदेश्य पशुपालकों में कुक्कुट पालन के लिए प्रेरित करना और गरीब किसानों के भोजन में प्रोटीन उपलब्ध करवाना है.
लाभ- इस योजना के अंतर्गत सरकार के द्वारा निर्धारित मूल्य पर चूजों का वितरण किया जाता है. इसके साथ ही मुर्गी पालने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

उपनिदेशक नाहन ने बताया कि अभी 28 रूपया प्रति चूजे की दर से अधिकतम 20 चूजे किसानों ले सकते हैं. वहीं, उनसे प्राप्त डॉक्युमेंट में कहा गया है कि किसान योजना के अंतर्गत 20-27 रूपये की दर से किसान 50 से 100 चूजे प्राप्त सकते हैं.(यह दूसरी योजना हो सकती है)
अन्य लाभ- इसी योजना के तहत किसानों को 40 चूजों के लिए शालिका(घर) खान-पान व बर्तन आदि के लिए 75 फीसदी अनुदान दिया जाता है. शेष 25 फीसदी पशुपालक को लगाना पड़ता है जो 375 रूपया बैठता है.

योग्यता– सभी पशुपालक, किसान व उद्यमी
संपर्क- योजना का लाभ लेने के लिए किसान निकटतम पशु चिकित्सा केन्द्र पर संपर्क कर सकते हैं.
गाय व भैंस प्रजनन की राष्ट्रीय योजना :

उदेश्य–

योजना का उदेश्य पशुओं की ऩस्ल में सुधार लाकर दूध के उत्पादन को बढ़ाना है.
लाभ- इस योजना के अंतर्गत निकटतम पशुपालकों के घर तक कृत्रिम प्रजनन की सुविधा दी जाती है. जहां ऐसी व्यवस्था नहीं हो पाती है वहां प्राकृतिक रूप से सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है. पशुचिकित्सा अधिकारी के पशुपालक के घर आने पर कोई शुल्क नहीं देना होता है.

 

डेयरी उद्यमी विकास योजना :

उदेश्य–

योजना का उदेश्य अच्छी नस्ल के दूधारू पशुओं की संख्या बढ़ाना तथा दूध उत्पादन में वृध्दि करना है.

लाभ-

इस योजना के अंतर्गत किसान अधिकतम 10 दुधारू पशुओं के लिए 6 लाख तक का लोन ले सकते हैं. बछियों तथा कट्टियों के लिए 5.3 लाख रुपये, वर्मी कंपोस्ट के लिए 22 हजार रुपये का ऋण मिलता है. इसके साथ ही निम्न तरह के व्यवसाय स्थापित करने के लिए ऋण(लोन) मिलती है-

• दूध के उत्पाद के रखरखाव के लिए 33 लाख
• पशुओं के लिए चिकित्सालय के लिए 2 लाख
• चलंत पशुचिकित्सालय के लिए 2.6 लाख
• दूध के विभिन्न उत्पाद को खरीदने और बेचने के लिए कमरा बनाने के लिए 1 लाख

सरकार SC और ST वर्ग के किसानों को 33% तथा बाकी वर्ग(सामान्य और OBC वर्ग) के किसानों को 25% अनुदान देती है. योजना का लाभ लेने के लिए निकटतम बैंक से संपर्क करें.

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