Virtual ID
प्रतिदिन आधार कार्ड की प्राइवेसी को लेकर सवाल उठते रहते हैं। इन्ही सबकी वजह से आधार कार्ड बनाने वाली संस्था UIDAI ने आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर कुछ बदलाव किये है। वर्चुअल आईडी से आधार कार्ड को आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है। वर्चुअल आईडी के आने से अब लोगो को 12 अंकों की आधार आईडी की कोई जरूरत नही पड़ेगी। इस वर्चुअल आईडी को ही 12 अंकों वाली आधार आईडी की जगह प्रयोग करके आधार वाले सारे काम आसानी से किये जा सकते है। इस वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल से आधार कार्ड के बॉयोमेट्रिक डाटा के गलत उपयोग होने का डर भी नही रहेगा। वर्चुअल आईडी जितनी बार आवश्यकता हो उतनी बार बना सकते है। विभिन्न सेवाओ का लाभ लेने के लिए अब आधार आईडी बताने की जरूरत नही पड़ेगी वर्चुअल आईडी से सारे काम आसानी से बिना किसी रुकावट के हो जायेगा और आधार का बॉयोमेट्रिक डाटा भी सुरक्षित रहेगा।
वर्चुअल आईडी के लाभ
आधार कार्ड बनाने वाली UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) 16 अंकों की वर्चुअल आईडी लायी है जो एक अस्थायी नम्बर रहता है जिसको आधार कार्ड नंबर की जगह प्रयोग कर सकते है। इस वर्चुअल आईडी को बना लेने के बाद आपको बार-बार आधार नंबर नही बताना पड़ेगा। आधार कार्ड नंबर की जगह इसके द्वारा सभी काम आसानी से हो जायेगा और आपका बॉयोमेट्रिक डाटा भी सुरक्षित रहेगा।
आधार कार्ड धारक वर्चुअल आईडी जितनी बार चाहे उतनी बार बना सकते है,पर एक बात का ध्यान रखना होगा एक दिन में वर्चुअल आईडी एक बार ही बनायी जा सकती है। एक दिन में एक से अधिक बार वर्चुअल आईडी नही बनायी जा सकती है। नई वर्चुअल आईडी बनाने के लिये आपको एक दिन इंतजार करना होगा, इस वर्चुअल आईडी में 16 अंक होते है। इस वर्चुअल आईडी से टेलीकॉम कंपनियों को या बैंक को आधार कार्ड धारक की एक सीमित जानकारी प्राप्त होगी जैसे नाम, फोटोग्राफ, पता जो कि उस व्यक्ति की पहचान सिद्ध करने के लिए काफी होगा। इस वर्चुअल आईडी के द्वारा कार्ड धारक के आधार कार्ड की जानकारी नही मिल पायेगी।
इस वर्चुअल आईडी की खासियत यह होगी कि कोई भी आपके आधार का गलत प्रयोग नही कर पायेगा, वर्चुअल आईडी के लागू होते ही आधार कार्ड लेकर चलने का बोझ कम होगा।
अपने आधार के लिए वर्चुअल आईडी वर्चुअल आईडी बनाने का तरीका.
वर्चुअल आईडी बनाने के लिए आधार कार्ड की ऑफिसियल वेबसाइट पर जायें। इसके बाद आधार सर्विसेज (aadhar services) पर क्लिक कीजिए फिर आपको वर्चुअल आईडी जनरेटर (virtual ID) पर क्लिक कीजिए।
फिर अपना 12 अंको का कार्ड नंबर लिखे और कैप्चा कोड भरे सबमिट कर दें उसके उपरांत आपके मोबाइल पर ओटीपी आयेगा।
उस ओटीपी को डालकर सबमिट करें आपको 16 अंको की वर्चुअल आईडी मिल जायेगी।
उसके बाद आप अपने वर्चुअल आधार आईडी का प्रयोग कर सकतें है। वर्चुअल आईडी बहुत ही उपयोगी है इसके द्वारा आधार कार्ड के दुरुपयोग को आसानी से रोका जा सकता है।
आधार वर्चुअल आईडी बनाने का उद्देश्य
वर्तमान समय मे आधार कार्ड किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज ही है। इसके बिना आप कोई सरकारी या प्राइवेट सुविधा नही पा सकते हैं। फिर चाहे राशन हो या बैंक में खाता खुलवाना हो या मोबाइल के लिए सिम कार्ड लेना हो, हर जगह आपको आधार कार्ड की जरुरत पड़ती है। इन सबके बीच इसके दुरुपयोग का भी बहुत ज्यादा डर रहता है। इसमे हम सबके सारे बॉयोमेट्रिक डाटा होता है, इस सबकी सुरक्षा के लिये ही वर्चुअल आधार आईडी का इतेमाल किया जाता है। वर्चुअल आईडी के द्वारा किसी भी तरह की छेड़छाड़ हमारे डाटा से नही हो पायेगा यह वर्चुअल आईडी एक दिन में एक बार ही बनाई जा सकती है।
बॉयोमेट्रिक डाटा की हैकिंग की चर्चा वर्तमान समय में बहुत जोरो पर है। कोई न कोई घटना सुनने को मिल ही जाती है कि आधार कार्ड के डाटा के साथ छेड़छाड़ करके उसका दुरुपयोग किया गया। इस तरह की घटना पर लगाम कसने के लिये ही आधार कार्ड बनाने वाली संस्था ने कार्ड धारक की जानकारी के गलत उपयोग को रोकने के लिए वर्चुअल आईडी का निर्माण किया, इस वर्चुअल आईडी के आने से अब आपको कही पर भी अपने आधार कार्ड नंबर को बताने की जरूरत नही। आपका काम 16 अंको की इस वर्चुअल आईडी से ही हो जायेगा।
आधार कार्ड वर्चुअल आईडी की खास बातें
इस वर्चुअल आईडी का प्रयोग करने पर कार्ड धारक का बॉयोमेट्रिक डाटा एकदम सुरक्षित रहेगा। डाटा का किसी भी तरह का दुरुपयोग नही किया जा सकता है। यह वर्चुअल आईडी केवल एक दिन के लिए होती है 1 दिन के उपरांत आपको फिर से नई वर्चुअल आईडी बनाना पड़ेगा। नई वर्चुअल आईडी के बनने के बाद पुरानी वाली अवैध हो जायेगी। वर्चुअल आईडी का प्रयोग करके कार्ड धारक अपनी बेसिक जानकारी कही भी किसी भी बैंक या बीमा कंपनी, टेलीकॉम सेवा प्रदाता के साथ सुरक्षित तरीके से साझा कर सकते हैं।
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