सूखे की बार-बार समस्या से से निपटने के लिए 19वीं शताब्दी में सिंचाई के विकास के महत्व को समझा जाने लगा था। सन 1897-98 एवं 1899-1900 में पड़े भीषण सूखे में सिंचाई के नियोजित एवं त्वरित विकास ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । सन 1901 में गठित पहला सिंचाई आयोग को देश में सूखे से निपटने में सिंचाई के क्षेत्र में रिपोर्ट उपलब्ध कराने का काम सौंपा गया।
आयोग द्वारा निजी सिंचाई साधनों के विकास के लिए कुछ सुझाव दिए गए। सन 1939 में सरकार द्वारा एग्रीकल्चर रिआर्गनाइजेशन समिति गठित की गयी, जिसने अपनी रिपोर्ट 1941 में दी। इसमें जल उठाने के साधन/मशीनरी, छोटी बोरिंग, नलकूप आदि के विषय में सिफारिश की गई थी। निजी नलकूपों के लिए बोरिंग का काम एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा किया जाता था। पहली जुलाई 1954 को इस विभाग को नियोजन विभाग से जोड़ दिया गया, उसके बाद सन 1964 में शासनादेश द्वारा आयुक्त कृषि उत्पादन एवं ग्राम्य विकास की देख रेख में लघु सिंचाई विभाग स्थापित किया गया। मुफ्त बोरिंग योजना के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े आपको मुफ्त बोरिंग योजना से सम्बन्धित सारी जानकारी दी जायेगी।
लघु सिंचाई विभाग का उद्देश्य-
इसका प्रमुख लक्ष्य कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों के निजी सिंचाई संसाधनों का निर्माण कराकर किसानों को स्वावलंबी बनाना, जिससे प्रदेश के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल सके तथा किसान ज्यादा से ज्यादा खाद्यान्न उत्पादन करके प्रदेश व देश के आर्थिक विकास में अपनी सहभागिता कर सकें।
उपरोक्त लक्ष्यो की पूर्ति के क्रम में लघु सिंचाई विभाग के माध्यम से किसानों को निजी सिंचाई संसाधनों के विकास के लिए अनुदान आदि की सुविधाएं प्रदान की जाती है इसके साथ ही आधुनिक तकनीकी मार्ग दर्शन भी दिया जाता है। अलग-अलग योजनाओं के तहत विभाग के माध्यम से मिली अनुदान प्रेरक कार्य करती है। प्रदेश में बढ़ते भू जल संकट को देखते हुए विभाग द्वारा बारिश के जल को इकट्ठा करने एवं जल संरक्षण के बारे में किसानों को प्रोत्साहित करना।
लघु सिंचाई की योजनाएं-
- मुफ्त बोरिंग स्कीम
- मध्यम गहरे नलकूप योजना
- गहरे नलकूप योजना
- डॉ. राम मनोहर लोहिया सामूहिक नलकूप योजना
- पठारी क्षेत्रो में इंवेलरिंग मशीन से बोरिंग योजना
- सतही पम्पसेट योजना वर्षा जल संचयन/उपयोग एवं भूजल रिचार्ज हेतु चेकडैम निर्माण योजना
- ब्लास्टकूप निर्माण योजना
- प्रधानमंत्री कृषि योजना
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मुफ्त बोरिंग स्कीम में दी जाने वाली अनुदान राशि-
मुफ्त बोरिंग स्कीम राज्य के किसानों के लिए 1985 से यह योजना चल रही है।
जनरल कैटेगरी के लिए सहायता राशि-
इस योजना के तहत जनरल कैटेगरी के छोटे एवं बड़े कृषको को बोरिंग के लिए सहायता राशि क्रमशः 5000 व 7000 रुपये मिलती है। जनरल कैटेगरी के किसानों के लिए कृषि भूमि 0.2 हेक्टेयर का मानक निर्धारित किया गया है।
एससी/एसटी कृषकों के लिए सहायता राशि-
एससी/एसटी कैटेगरी के छोटे एवं बड़े किसानों को मिलने वाली अनुदान की सीमा 10000 रुपये धनराशि प्रदान की जाती है। अगर 10000 रुपये में धनराशि के शेष रहने पर रिफ्लेक्स वाल्व, डिलिवरी पाइप, बैंड आदि खरीदने की सुविधा उपलब्ध हैं। पम्पसेट लगाने के लिए 9000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
एच डी पी ई के लिए अनुदान-
पानी दुरुपयोग को रोकने एवं सिंचाई की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कुल लगने वाले खर्च के 25 प्रतिशत लाभार्थी को 90mm साइज का कम से कम 30 मी से
ज्यादा से ज्यादा 60 मी एच डी पी ई पाइप लगाने के लिए कुल व्यय का 50 प्रतिशत ज्यादा से ज्यादा 3000 रुपये का अनुदान का प्रावधान किया गया है।
पम्पसेट क्रय करने के लिए अनुदान-
मुफ्त बोरिंग स्कीम के तहत नाबार्ड द्वारा अलग-अलग हॉर्सपावर के पम्पसेटों के लिए लोन की सीमा निश्चित की गयी है। जिसके तहत बैंक द्वारा पम्पसेट खरीदने के लिए लोन की सुविधा उपलब्ध है। पंजीकृत पम्पसेट विक्रेताओं से नगद पम्प सेट खरीदने की व्यवस्था दी गयी है। दोनों में से कोई भी प्रक्रिया के द्वारा आईएसआई मार्का पम्पसेट खरीदने पर अनुदान दिया जाता है।
पात्रता-
- इस योजना में राज्य के किसान ही आवेदन करने के पात्र होंगे।
- आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए
- इस योजना में यूपी के लघु एवं सीमांत किसान ही आवेदन कर सकतें है।
- जनरल कैटेगरी के कृषक भाईयों के पास 0.2 हेक्टेयर या इससे ज्यादा कृषि भूमि होना चाहिए।
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषकों के लिए कृषि भूमि की कोई बाध्यता नही है,
योजना के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट-
- आवेदक का आधार कार्ड
- आवेदक का निवास प्रमाण पत्र
- आवेदक का आय प्रमाण पत्र
- आवेदक का राशन कार्ड
- आवेदक की पासपोर्ट आकार की फोटो
- आवेदक का मोबाइल नंबर
योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया-
- सर्व प्रथम आपको मुफ्त बोरिंग स्कीम में आवेदन करने के लिए लघु सिंचाई विभाग की ऑफिसियल साइट http://minorirrigationup.gov.in/ पर जाना होगा।
- लघु सिंचाई विभाग की ऑफिसियल साइट पर आपको योजनाएं नाम का एक ऑप्शन मिलेगा।
- उस ऑप्शन पर क्लिक करके आप बोरिंग स्कीम का आवेदन पत्र डाउन लोड कर सकतें है।
- आवेदन पत्र को डाउनलोड करके इसका प्रिंट आउट निकालकर इस आवेदन पत्र को सही-सही भर कर अपने जनपद के खंड विकास अधिकारी/सहायक अभियंता लघु सिंचाई विभाग के ऑफिस में प्रेषित कर दें।
- आवेदन पत्र को प्रेषित करने के उपरांत आपकी पात्रता की जांच की जायेगी, अगर आप पात्र है तो आपको निःशुल्क योजना का लाभ मिलेगा।
हमें उम्मीद है “उत्तर प्रदेश मुफ्त बोरिंग स्कीम में आवेदन कैसे करें??” इस लेख में आवेदन फॉर्म भरने के बारे में बतायी गयी जानकारी आपको समझ आ गयी होगी। अगर आपके मन में इस योजना से सम्बन्धित कोई प्रश्न है तो हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकतें है। हम आपके सवालों के जवाब यथाशीघ्र देगें। आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है अपने सुझाव हमे कमेंट बॉक्स में लिख सकते है। अगर आपको बताई गयी जानकारी पसंद आयी हो तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों तथा नजदीकी लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं, ताकि किसी जरुरतमंद की मदद हो सके।
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