स्मार्टफोन के जमाने में हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन है। स्मार्टफोन ने न केवल संचार से सम्बंधित समस्याओं को हल किया है बल्कि बैंकिंग, एजुकेशन और बिजनेस से सम्बंधित कामो को भी आसान बना दिया है। आज के जमाने में अगर लोगों को पैसा भेजना होता है तो वह अपने फोन के जरिये पैसे भेज देता है। इसके लिए उसे बैंक नहीं जाना पड़ता है। इसमें समय की बचत तो होती ही है साथ ही तुरंत हमें यह कन्फर्मेशन भी मिल जाता है कि जिस व्यक्ति के पास पैसा भेजा गया है उसे वह रिसीव हो गया है नहीं। बैंकिग के क्षेत्र में यह अभूतपूर्व क्रान्ति हुई है।
हालांकि हर एक चीज के दो पहलू होते है। ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांस्जैक्शन के भी दो पहलू है। सकारत्मक पहलू में हमें पैसे को भेजने, रिसीव करने और उसे सेव करने में आसानी होती है लेकिन यही ट्रांजैक्शन जब फेल हो जाता है या किसी और के पास पैसा चला जाता है तो बहुत परेशानी होती है। हालांकि अगर हम इस तरह के ट्रांजैक्शन के बारें में बैंक को सूचित करते हैं तो वह कुछ हफ़्तों या दिनों में हमें फिर रिफंड हो जाता है।
ऐसा देखा गया है कि साइबर अपराधी आपके बैंक अकाउंट की जानकारी गलत तरीके से हासिल करके आपके खाते से पैसा उड़ा लेते है। लेकिन अगर आप कुछ चीजों का पालन करें तो आप गवाएं पैसे को वापस पा सकते हैं। आज के डिजिटल युग में यह जानकारी होना बहुत जरूरी है। बैकिंग ट्रांजैक्शन में धोखाधड़ी होने से लोग परेशान बहुत होते हैं लेकिन अगर आप नीचे बताये गए तरीके के बारें में जानेंगे तो आपको परेशान होने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इससे आप अपने पैसे को दुबारा वापस पा सकते हैं।
आरबीआई का नियम
आरबीआई ने कहा है कि अगर किसी बैंक अकाउंट होल्डर के अकाउंट से पैसे बिना अकाउंट होल्डर की सहमति या जानकारी से कटता है तो बैंक का यह फर्ज है कि उस अकाउंट होल्डर को पैसे वापस किये जाए। आरबीआई कहता है कि अगर ‘अनाधिकृत इलेक्ट्रानिक लेनदेन’ से आपके पैसे का नुकसान हुआ है तो आपको अपने बैंक को इस बारें में सूचित करना होगा और आप इस नुकसान से बच सकते हैं।
ठगी के 3 दिन के अंदर करें शिकायत
जब आपके साथ बैंकिंग ठगी या अकाउंट से पैसे कटे तो आपको इसकी जानकारी बैंक को तीन दिन के अंदर दे देनी चाहिए। आरबीआई का कहना है कि आप जितनी जल्दी इसकी जानकारी बैंक को देंगे उतनी ही जल्दी बैंक आपकी शिकायत को कंसीडर को करेंगे। अगर आप सही समय पर बैंक को जानकारी दे देंगे तो आपका पैसा 10 दिन के अंदर आपके बैंक अकाउंट में आ जायेगा। शिकायत के 10 दिन के अंदर बैंक को आपका पैसा देना पड़ता है। यह आरबीआई का निर्देश है।
बैंक कैसे करता है आपके पैसे रिफंड
अगर आप सोचते हैं कि आपके अकाउंट से हुई धोखधड़ी में कटे पैसे को बैंक भरता है तो आप गलत सोचते हैं। दरअसल बैंक साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेन्स पालिसी लेता है। जब आपके अकाउंट से पैसे गायब होते हैं तो बैंक इसकी जानकारी इंश्योरेंस कंपनी को देता है। फिर इंश्योरेन्स कंपनी बैंक को पैसे वापस करता है। इसके बाद बैंक उस पैसे को आपको रिफंड करता है। कई इंश्योरेंस कम्पनियाँ ऐसी भी है जो साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सीधे लोगों को इंश्योरेंस कवरेज देती है। अगर आप ज्यादा ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपके लिए इस तरह इंश्योरेंस मददगार साबित हो सकते हैं।