पंजाब नेशनल बैंक के निदेशक मंडल ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का उसके साथ विलय किए जाने की सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी। शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अमुसार, गुरुवार को बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में इस विलय को मंजूरी दी गई थी। अब सवाल ये है कि आखिर विलय के बाद बैंक ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा।
विलय के बाद बैंक ग्राहकों को नया खाता नंबर और कस्टमर ID मिल सकता है। ऐसे में आपको ईमेल अड्रेस और मोबाइल नंबर बैंक के पास अपडेटेड रखना होगा। यदि खाता नंबर और कस्टमर ID में कोई बदलाव होगा, तो बैंक आपको सूचित करेगा।
विलय के कुछ समय बाद आपकी चेक बुक भी बदल सकती है। बैंकों के नाम बदलने से पुराने बैंक के नाम वाली चेकबुक निरस्त हो जाएगी और उसकी जगह पर नई चेकबुक जारी की जाएगी। हालांकि ऐसा करने के लिए ग्राहकों को कुछ वक्त दिया जाएगा।
विलय से प्रभावित होने वाले बैंक के ग्राहकों को अपने नए अकाउंट नंबर और IFSC की डिटेल्स इनकम टैक्स, इंश्योरंस कंपनी, म्यूचुअल फंड सहित सभी जगह पर अपडेट करना होंगी। एसआईपी और ईएमआई में भी ब्योरा अपडेट करना होगा।
विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें शामिल बैंकों में से किसी एक बैंक की ब्रांच किसी इलाके में एक से ज्यादा पाई जाती हैं तो कुछ ब्रांच बंद हो सकती हैं। वहीं अगर बैंकों की एक शहर में आस-पास ब्रांच हैं तो उन्हें भी मर्ज किया जाएगा।
बैंकों के एकीकरण का असर उनके द्वारा विभिन्न जमा योजनाओं पर दी जा रही ब्याज दर पर भी पड़ेगा। विलय से पहले के ग्राहकों की एफडी-आरडी ब्याज दरों पर तो फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन नए ग्राहकों के लिए ब्याज दरें एकीकरण के बाद बने बैंक वाली और एक जैसी होंगी।
ब्याज दरों की तरह ही पहले से चल रहे विभिन्न तरह के लोन जैसे होम लोन, व्हीकल लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और गोल्ड लोन की पुरानी दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।