नई दिल्ली।आमतौर पर सिलेंडर फटने की खबरें कहीं ना कहीं से आती रहती है।अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के एक घर में सिलेंडर फटने (Gas Cylinder Blast) का मामला सामने आया जिसके बाद से अफरातफरी मच गई। सिलेंडर फटने का एक लाइव वीडियो भी सामने आया। धमाके का वीडियो देख कर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि किस तरह से सिलेंडर में लगी आग खतरनाक होती है।अचानक घटे इस वारदात से लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है और पल भर में सबकुछ बिखर सा जाता है।
ऐसे में जरूरी है कि हमें पता हो कि एलपीजी का इस्तेमाल करते हुए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर क्या किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी पता होना चाहिए कि यदि LPG गैस सिलिंडर फट जाता है या गैस लीक होने की वजह से हादसा हो जाता है तो आपके, एक ग्राहक होने के नाते, क्या अधिकार हैं।
LPG यानी रसोई गैस कनेक्शन लेने पर पेट्रोलियम कंपनियां ग्राहक को पर्सनल एक्सीडेंट कवर उपलब्ध कराती हैं। 50 लाख रुपये तक का यह इंश्योरेंस एलपीजी सिलेंडर से गैस लीकेज या ब्लास्ट के चलते दुर्भाग्यवश हादसा होने की स्थिति में आर्थिक मदद के तौर पर है। इस बीमा के लिए पेट्रोलियम कंपनियों की बीमा कंपनियों के साथ साझेदारी रहती है। वर्तमान में हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम के रसोई गैस कनेक्शन पर इंश्योरेंस ICICI लोम्बार्ड के माध्यम से है।
डीलर की होगी जिम्मेदारी
अगर सिलिंडर में लीकेज या ब्लास्ट होता है तो इसकी जिम्मेदारी डीलर और कंपनी की है। करीब 16 साल पहले हुए हादसे पर नेशनल कंज्यूमर फोरम ने यह आदेश दिया था और यह अब भी लागू है। नेशनल कंज्यूमर फोरम ने अपने फैसले में कहा था कि मार्केटिंग डिस्प्लिन गाइडलाइंस 2014 फॉर एलपीजी डिस्ट्रिब्यूशन के तहत तय है कि डीलर ने डिफेक्टिव सिलिंडर सप्लाई किया तो वह अपनी जिम्मेदारी शिकायती पर नहीं डाल सकता। गाइडलाइंस कहती हैं कि डीलर डिलिवरी से पहले चेक करे कि सिलिंडर बिल्कुल ठीक है या नहीं।
एलपीजी सिलिंडर की वजह से हुए हादसे में नुकसान के लिए मुआवजा देनदारी प्रति घटना 50 लाख रुपये और प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये है। यह मुआवजा इन सूरतों में देय है। हादसा गैस एजेंसी के साथ पंजीकृत ग्राहक के घर पर हुआ हो। पंजीकृत डीलर के परिसर में हुआ हो। सिलिंडर को पेट्रोलियम कंपनी के यहां से डिस्ट्रीब्यूटर के यहां ले जाते वक्त रजिस्टर्ड ट्रांसपोर्ट कान्ट्रैक्टर के पास होने के दौरान हुआ हादसा। सिलिंडर डीलर के यहां से कर्मचारी या ग्राहक द्वारा ग्राहक के घर ले जाया जा रहा हो। बीमित के द्वारा कम्युनिटी किचन, रेटिकुलेटेड सिस्टम्स, अन्य चीजों जैसे गीजर, लाइटिंग, जनरेटर सेट, इरीगेशन पंप आदि में एलपीजी की सप्लाई के दौरान। पंजीकृत परिसरों में सिलिंडर को एलपीजी इंस्टॉलेशन से कनेक्ट और डिसकनेक्ट करने के दौरान।
इस सेक्शन के तहत ग्राहक के घर पर एलपीजी सिलिंडर की वजह से हादसे में हुए जान-माल के नुकसान के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर देय है। हादसे में ग्राहक की प्रॉपर्टी/घर को नुकसान पहुंचता है तो प्रति एक्सीडेंट 2 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस क्लेम मिलता है।
हादसे में मौत होने पर प्रति एक्सीडेंट प्रति व्यक्ति 6 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है। हादसे में घायल होने पर मेडिकल खर्च के लिए प्रति एक्सीडेंट 30 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है, जो प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये तक होता है। साथ ही प्रति व्यक्ति 25000 रुपये तक की तुरंत राहत सहायता भी है।
व्यक्तिगत हानि और प्रॉपर्टी डैमेज के लिए मुआवजा इन सूरतों में हादसे में दिया जाएगा। भरा हुआ सिलिंडर बॉटलिंग प्लांट से बाहर ले जाया जा रहा हो। ट्रांसपोर्टेशन के दौरान भरा हुआ सिलिंडर डिस्ट्रीब्यूटर के यहां रखा हो। सिलिंडर डिस्ट्रीब्यूटर के यहां से ग्राहक के घर ले जाया जा रहा हो या फिर ग्राहक के यहां से भरा/खाली सिलिंडर डिस्ट्रीब्यूटर के यहां ले जाया जा रहा हो।
भरा हुआ सिलिंडर ग्राहक के घर पर रखा हो। खाली सिलिंडर बॉटलिंग प्लांट में वापस लाया जा रहा हो।
बीमित के द्वारा कम्युनिटी किचन, रेटिकुलेटेड सिस्टम्स, अन्य चीजों जैसे गीजर, लाइटिंग, जनरेटर सेट, इरीगेशन पंप आदि में एलपीजी की सप्लाई के दौरान।
पंजीकृत परिसरों में सिलिंडर को एलपीजी इंस्टॉलेशन से कनेक्ट और डिसकनेक्ट करने के दौरान। शैक्षणिक संस्थानों, रिसर्च लैब्स, सरकारी/म्युनिसिपल हॉस्पिटल्स, मिड डे मील स्कीम, समाज कल्याण संस्थानों जैसे अनाथ आश्रम, वृद्धाश्रम आदि में एलपीजी के इस्तेमाल के दौरान। रेस्टोरेंट, होटल, प्राइवेट हॉस्पिटल, क्लिनिक, पॉल्ट्री फार्म्स, सिरेमिक इंडस्ट्री, कॉटेज इंडस्ट्री, ग्लास इंडस्ट्री आदि में एलपीजी के इस्तेमाल के दौरान। ग्राहक द्वारा 5 किलो का सिलिंडर डिस्ट्रीब्यूटर के यहां से ले जाते वक्त।
जानिए गैस सिलेंडर पर 50 लाख का क्लेम कैसे मिलेगा?
>> मायएलपीजी.इन (http://mylpg.in) के मुताबिक जैसे ही कोई व्यक्ति एलपीजी कनेक्शन लेता है तो उसे मिले सिलेंडर से यदि उसके घर में कोई दुर्घटना होती है तो वह व्यक्ति 50 लाख रुपये तक के बीमा का हकदार हो जाता है।
>> एक दुर्घटना पर अधिकतम 50 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है। दुर्घटना से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को अधिकतम 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दी जा सकती है।
>> LPG सिलेंडर के बीमा कवर पाने के लिए ग्राहक को दुर्घटना होने की तुरंत सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन और अपने एलपीजी वितरक को देनी होती है।
>> PSU ऑयल विपणन कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल, एचपीसी तथा बीपीसी के वितरकों को व्यक्तियों और संपत्तियों के लिए तीसरी पार्टी बीमा कवर सहित दुर्घटनाओं के लिए बीमा पॉलिसी लेनी होती है।
>> ये किसी व्यक्तिगत ग्राहक के नाम से नहीं होतीं बल्कि हर ग्राहक इस पॉलिसी में कवर होता है। इसके लिए उसे कोई प्रीमियम भी नहीं देना होता।
>> FIR की कॉपी, घायलों के इलाज के पर्चे व मेडिकल बिल तथा मौत होने पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाणपत्र संभाल कर रखें।
>> दुर्घटना होने पर उसकी ओर से वितरक के जरिए मुआवजे का दावा किया जाता है। दावे की राशि बीमा कंपनी संबंधित वितरक के पास जमा करती है और यहां से ये राशि ग्राहक के पास पहुंचती है।
गैस सिलेंडर से हादसा होने की स्थिति में सबसे पहले पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करानी होती है। इसके बाद संबंधित एरिया ऑफिस जांच करता है कि हादसे का कारण क्या है। अगर हादसा एलपीजी एक्सीडेंट है तो एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एजेंसी/एरिया ऑफिस बीमा कंपनी के स्थानीय ऑफिस को इस बारे में सूचित करेगा। इसके बाद संबंधित बीमा कंपनी को क्लेम फाइल होता है।ग्राहक को बीमा कंपनी में सीधे क्लेम के लिए आवदेन करने या उससे संपर्क करने की जरूरत नहीं होती।
क्या था प्रयागराज का मामला?
प्रयागराज के बलुआ घाट इलाके के एक घर में सिलेंडर में विस्फोट की पूरी लाइव घटना मौके पर मौजूद व्यक्ति ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर ली। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई बड़ा हादसा हो सकता था। हालांकि इस घटना में किसी व्यक्ति को चोट की खबर नहीं आई। आग लगने की सूचना पर मौके पर डायल 112 के पुलिसकर्मी भी बाइक से पहुंच गए थे लेकिन पुलिसकर्मी भी आग के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके। इसके बाद फायर ब्रिगेड को बुलाया गया, जिसने आग को काबू किया।लेकिन तब तक किचन का सारा सामान जलकर खाक हो गया था।