नई दिल्ली।देश कोरोना से ग्रस्त है और एक तरह से मंदी छाई हुई है।लोगों के कमाई का जरिया ही छीन गया है अब ऐसे हालात में कई लोगों के खाते भी खाली हो गए हैं, सारी बचत हवा हो गई है। तो आपको बता दें कि ऐसे में आपको घबराने की जरुरत ज्यादा नहीं है क्योंकि आपको बैंक की इस सुविधा के बारे में पता नहीं होगा।
बता दें कि जरूरत पड़ने पर कई बैंक ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी देते हैं।दोस्त-रिश्तेदारों से भी अगर मदद नहीं मिल रही है तो ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी का आप इस्तेमाल कर सकते है। आइए जानें आप कैसे इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
जानिए ओवरड्राफ्ट की सुविधा के बारे में
सरकारी और प्राइवेट बैंक ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी देते हैं। यह एक तरह से बैंक से दूसरा लोन लेने जैसा है। ज्यादातर बैंक करंट अकाउंट, सैलरी अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर यह सुविधा देते हैं। कुछ बैंक शेयर, बॉन्ड और बीमा पॉलिसी जैसे ऐसेट के एवज में भी ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी देते हैं, इसके तहत बैंक से आप अपनी जरूरत का पैसा ले सकते हैं और बाद में लौटा सकते हैं।
कैसे ले सकते हैं ओवरड्राफ्ट की सुविधा?
अगर बैंक में आपका सैलरी या करंट अकाउंट है तो थोड़ी आसानी हो सकती है। वहीं अगर आप एफडी पर यह सुविधा लेने की सोच रहे हैं तो एफडी न होने पर आपको कोई ऐसेट गिरवी रखना होगा। वैसे आजकल कई बैंक अपने अच्छे ग्राहकों को पहले ही ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी ऑफर कर देते हैं, ऐसा होने पर लोन आसान हो जाता है।
कितना पैसा ओवरड्राफ्ट में लिया जा सकता है?
रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार करंट अकाउंट और कैश क्रेडिट अकाउंट धारक अधिकतम 50000 रुपये प्रति सप्ताह ओवरड्राफ्ट ले सकते हैं। लगभग सभी बैंक ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी देने के लिए ग्राहकों से कुछ वार्षिक शुल्क भी वसूलते हैं। ग्राहक चाहे तो यह सुविधा ले और जब चाहे इसे डिस्कंटीन्यू कर दें।
जानिए किस अकाउंट पर कितना ओवरड्राफ्ट?
सैलरी अकाउंट में किसी को वेतन का आधा तो किसी को वेतन के 3 गुने तक का ओवड्राफ्ट मिल जाता है। – जनधन खाता में सभी खाता में ओवरड्राफ्ट की सुविधा है। इसमें खाताधारक ₹5000 तक का ओवड्राफ्ट ले सकते हैं लेकिन खाता में पिछले 6 महीने के दौरान सेटिस्फैक्ट्री ऑपरेशन हुआ हो यह भी ध्यान रखा जाता है। – ग्राहकों को टाइम डिपॉजिट अकाउंट के आधार पर भी ओवरड्राफ्ट मिलता है इसमें टर्म डिपॉजिट रिसीट, RD वगैरह को बैंक बंधक रख ले ता है।
सबको नहीं, और किस आधार पर मिलती है ओवरड्राफ्ट की सुविधा?
बैंकरों का कहना है कि ग्राहकों के अकाउंट वैल्यू और उनकी अकाउंट हिस्ट्री के आधार पर ओवरड्राफ्ट दिया जाता है। उनका क्रेडिट व्यवहार कैसा है इन सब बातों को ध्यान में रखा जाता है। ओवरड्राफ्ट के रूप में ली गई राशि पर बैंक के नियमानुसार ब्याज लिया जाता है और बैंक ही अवधि भी तय करती है कब तक उसे वापस करना है। ग्राहक का क्रेडिट स्कोर और रिपेमेंट हिस्ट्री इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्या है ओवरड्राफ्ट का फायदा?
क्रेडिट कार्ड या दूसरे पर्सनल लोन के मामले में यह काफी सस्ता है। इसमें आपको अपेक्षाकृत कम ब्याज देना पड़ता है। दूसरा फायदा यह है कि ओवरड्राफ्ट में आप जितने समय के लिए पैसा लेते हैं, उतने समय के लिए ही आपको ब्याज देना पड़ता है। पर्सनल लोन तय अवधि के लिए मिलता है। इसे समय से पहले चुकाने पर आपको पेनल्टी देनी पड़ सकती है। इसके अलावा पर्सनल लोन में आपको प्रोसेसिंग चार्ज जैसे दूसरे खर्च भी उठाने पड़ते हैं। तो फिर यदि आपको ऐसी कोई भी जरुरत आ रही है तो सारे नियमों और शर्तों को जान लें और बैंक की इस सुविधा का लाभ उठाएं।