दुनिया में इंसान के दो रूप हैं – पुरुष तथा स्त्री । इनके इलावा इस दुनिया में एक और रूप भी है जिसे अभी तक इस दुनिया में सामाजिक सामान्य ग्रहण नहीं हो पाई है और इस रूप की कुछ बातें एक छुपे हुए राज़ की तरह है और यह तीसरा रूप है – किन्नर का ।
घर में लड़के का जन्म हो या विवाह हो, इन शुभ दिनों पर बधाई लेने आते है किन्नर । इनके हाथ की तालिया, इनके चाल चलन और बोलने के तरीके से कोई भी इन्हे जान लेता है की यह किन्नर है । इनके कई नाम होते है जैसे की – किन्नर, हिजड़ा, और क्या क्या ।
किन्नरों का अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है?
जो दुनिया एक किन्नर व्यतीत करता है वो आम आदमी के मायने में बिल्कुल ही अलग है । जितनी इनकी जीने की दुनिया अलग है उतने ही इनके संस्कार और रीति रिवाज़ भी । जब किन्नरों की मौत हो जाती है तो उनका अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है ?
किन्नरों के अंतिम संस्कार को गुप्त रखा जाता है। इनकी अंतिम यात्रा रात्रि के समय निकाली जाती है । इनका अंतिम संस्कार गैर किन्नरों को बिना बताये किया जाता है । कहा जाता है की अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को कोई आम आदमी देख ले तो उस किन्नर का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होता है।
किन्नरों के शव को जलाया नहीं जाता बल्कि दफनाया जाता है ।दफ़नाने से पहले शव को जूते और चपलों से मारा जाता है ।
किन्नरों की पहचान कैसे हो?
ऐसा सिर्फ देख कर नहीं कहा जा सकता की किन्नर पैदाइशी है या नहीं । अगर लड़का जन्म लेता है तो उसके योनि से जाना जाता है की वह किन्नर है या नहीं और अगर लड़की जन्म लेती है तो यह पता लगाना मुश्किल है । लड़की के किन्नर होने का पता सिर्फ उसके बड़े होने पर ही लगाया जा सकता है।
जो जन्म से ही किन्नर होते है उनके स्तन काफी बड़े नहीं होते है । जो किन्नर बनते है उनके स्तन काफी बड़े होते है इंजेक्शन लगने के कारण से ।जन्म से ही किन्नरो के योनि पर कटने का कोई निशान नहीं पाया जाता लेकिन जो किन्नर बनाये जाते है उनकी योनि पर काटने का निशान पाया जाता है।
एक पुरानी कहावत है – बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया । आज के समय में धन हर आदमी की ज़रूरत है और इसे हासिल करने के लिए हर आदमी को कठोर मेहनत करनी पड़ती है। धन की प्राप्ति के लिए शास्त्रों में काफी उपाए बताए गए है जिनमे से एक बहुत ही सीधा है । कहा जाता है की अगर किसी भी किन्नर से एक रुपये का सिक्का मांग लिया जाये और वो ख़ुशी ख़ुशी आपको वह दे तो उस सिक्के को किसे हरे कपड़े में लपेटकर अपने पर्स या तिजोरी में रख दें । किन्नर से लिए हुए पैसे से धन की प्राप्ति होती है और धन से जुड़ी सभी परेशानियाँ दूर हो जाती है ।
किन्नरों का इरावन से विवाह
किन्नर इरावन देवता की पूजा करते है । हर साल में एक दिन ऐसा आता है जब किन्नर इरावन से विवाह रचाते है। जबकि यह विवाह सिर्फ एक ही दिन के लिया होता है और अगले ही दिन इरावन की मृत्यु हो जाती है जिसके साथ ही किन्नरों का वैवाहिक जीवन समाप्त हो जाता है ।
हिजड़ा समाज आम समुदाय समाज से अलग ही रहता है और इसी वजह से आम लोगोँ में इनके जीवन के बारे में जानने की इच्छुकता बनी रहती है ।
हिजड़ा समाज से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें –
1. वीर्य की अधिकता से लड़का पैदा होता है और रक्त की अधिकता से लड़की । वीर्य और राज़ समान हो तो किन्नर पैदा होता है ।
2. महाभारत में जब पांडव एक साल का अज्ञात वास व्यतीत कर रहे थे तो तब अर्जुन ने किन्नर वृहन्नला बनकर एक साल तक जीवन व्यतीत किया।
3. पुराने समय में भी किन्नर नाच गाना करके अपनी रोज़ी रोटी कमाते थे ।
4. किन्नर की दीं हुई दुआएं किसी भी इंसान के बुरे समय को दूर कर सकती है ।
5. कहा जाता है की ब्रह्मा जी की छाया से किन्नरों की पैदावार हुई थी ।
6. पुराने समय के मुताबिक शिखंडी को ही किन्नर जाना गया है ।
7. अगर आपकी कुंडली में बुध गृह है तो किसी भी किन्नर को हरी चुड़िया तथा साड़ी दान करे । ऐसा करने से बहुत लाभ होगा ।
8. किसी भी इंसान को किन्नर समाज में दाखिल करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है और कुछ रीति रिवाज़ भी माने जाते है ।
9. देश में फ़िलहाल किन्नरों की 4 देवियाँ है ।
10. कुंडली में बुध, शुक्र, शनि तथा केतु के अशुभ योगों से इंसान नपुंसक या किन्नर हो सकता है ।
11. किन्नरों का अंतिम संस्कार बहुत ही गोपनीय रखा जाता है ।
12. किन्नर के शव को जलाया नहीं बल्कि दफनाया जाता है ।
13. किन्नर की शव यात्रा रात में निकाली जाती है ।
14. किन्नर समाज के लोग अपने आप को मंगल मुखी कहते है क्यूंकि यह सिर्फ मांगलिक कामो में ही हिस्सा लेते है बजाए के मातम में ।
15. इनकी सबसे बड़ी विशेषता है के यह किसी भी किन्नर के मरने के बाद मातम नहीं मनाते है।
16. देश में हर वर्ष में किन्नरों की संख्या में 40-50 हजार की बढ़त होती है ।
17. इनका एक खौफनाक सच यह भी है की यह समाज में ऐसे लड़कों को ढूँढ़ते है जो सुन्दर हो और जिनकी चाल कोमल हो। यह समाज उनसे नज़दीकियाँ बढ़ाता है और फिर समय आने पर उसके शरीर के हिस्से से उसका अंग काट दिया जाता है जिसके कारण वह लड़का होने का हक्क खो देता है ।
18. समय समय पर किन्नर अखाड़े को लेकर विवाद होते है । इसका मुख्य कारण यह है किन्नरों को भी समाज में समानता का हक दिलवाना ।
19. देश में 50 लाख से भी ज़्यादा किन्नरों को तीसरे दर्ज़े में डाला गया है । अभी तक किन्नरों को उनका हक्क नहीं मिला ।
20. किन्नर अपने इरावन देव से वर्ष में एक बार विवाह रचाते है ।
किन्नरों से जुड़ी कुछ बातें
किन्नर का अर्थ और किन्नर और सामान्य व्यक्ति के बीच का अंतर
किन्नर या ट्रांसजेंडर समुदाय – कामयाबी का नया चेहरा
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