नई दिल्ली। किसान रेल योजना 2020 की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा फरवरी में पेश होने वाले बजट में ही कर दी गई थी। इस योजना को केंद्र सरकार और भारतीय रेलवे के द्वारा देश के किसानो को लाभ पहुंचाने के लिए 7 अगस्त 2020 को पूर्ण रूप से शुरू कर दिया गया है। इस योजना के तहत किसानो के लिए रेलगाड़ियां चलायी जाएगी। बता दें कि perishable goods यानि की जल्दी खराब होने वाले सामान फल, सब्जी आदि किसान रेल सेवा के माध्यम से उनके गंतव्य स्थान या कहें कि मंडियों तक पहुंचाया जायेगा। इससे सब्जियों और फलो को ख़राब होने से बचाया जा सकेगा और उसकी सही कीमत किसानों को मिल पाएगी।
इस योजना के तहत भारतीय रेलवे ने 7 अगस्त को पहली ट्रेन चलाई। रेलवे ने कहा कि ऐसी पहली रेलगाड़ी महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चलायी जा रही है। किसान रेल इन दो स्टेशनों के बीच लगभग 1519 किमी का सफर करीब 32 घंटे में तय करेगी। इस सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना के तहत किसान ट्रेन में शीत भंडारण के साथ किसान उपज के परिवहन की व्यवस्था होगी। इससे किसानो को काफी फायदा होगा। केंद्र सरकार की किसानों के हित के लिए एक बहुत अच्छी पहल है। देश के जो इच्छुक लाभार्थी किसान Kisan Rail Yojana 2020 का लाभ उठाना चाहते है तो उन्हें किसान रेल योजना ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा।
देश के किसानो की कई समस्या को देखते हुए अपने फसलों को बाहर बेचने में काफी परेशानी हो रही है किसान समय से अपने फसलों को मंडी तक नहीं पंहुचा पा रहे है इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसान रेल योजना को शुरु किया है। इस ट्रेन के माध्यम से किसान अपनी सब्जी ,फलो को सही समय से सुरक्षित मंडी तक पहुंचा सकेंगे। इस योजना के ज़रिये किसानों को उनकी फसल का अच्छा दाम औऱ फायदा मिल सकेगा। इससे किसानो की आय में बढ़ोतरी भी होगी।
इस योजना के तहत किसानो की फसलों जैसे अनाज , फल , सब्जियां आदि को समय से सुरक्षित ट्रेन के माध्यम से मंडी ,बाजार तक पंहुचा सकते है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में पेश बजट में जल्दी खराब होने वाले फल एवं सब्जियों जैसे उत्पादों के मालवहन के लिए ‘किसान रेल’ चलायी गयी है।
किसान रेल एक तरह की स्पेशल पार्सल ट्रेन होगी जिसमे अनाज, फल और सब्जियों को लाने ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।
इस योजना के तहत शीत भंडारण (Cold Storage) के साथ किसान उपज के परिवहन की भी अच्छी व्यवस्था की जाएगी।
पहली किसान रेल रूट पर पड़ने वाले चार राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार को इस किसान रेल का फायदा होगा।
किसान ट्रेन रूट
देवलाली से चलने के बाद यह ट्रेन नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज, पं दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर से दानापुर में रुकेगी। किसान रेल ताजी सब्जियों, फलों, फूल, प्याज तथा अन्य कृषि इन उत्पादों को गंतव्य तक पहुंचाने का काम करेगी।
किसान रेल का प्रति टन किराया
इस योजना के अंतर्गत देश के किसानो को इस ट्रेन से अपनी फसलों जैसे फल ,सब्जियों ,दूध आदि सभी वस्तुओ को मंडी तक पहुंचने के लिए प्रति टन किराया देना होगा। नासिक रोड/देवलाली से दानापुर 4001 रुपए, मनमाड से दानापुर 3849 रुपए, जलगांव से दानापुर 3513 रुपए, भुसावल से दानापुर 3459 रुपए, बुरहानपुर से दानापुर 3323 रुपए, खंडवा से दानापुर 3148 रुपए प्रति टन होगा।
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