अशोक स्तम्भ की विशेषता – अशोक चक्र की 24 तीलियों का अर्थ

जानिए अशोक चक्र की 24 तीलियों का अर्थ

भारत में सम्राट अशोक द्वारा बनवाये गए  स्तम्भ

  • अशोक स्तम्भ सारनाथ
  • अशोक स्तम्भ लुम्बिनी
  • अशोक स्तम्भ वैशाली

  • अशोक स्तम्भ इलाहाबाद

  • अशोक स्तम्भ चेन्नई

  • अशोक स्तम्भ दिल्ली

सम्राट अशोक के बनवाये गये स्तंभों में सारनाथ के सिंह शीर्ष वाले स्तंभ को सबसे सुन्दर  माना जाता है। इसमें सबसे ऊपर चारों दिशाओ में चार
शेर बने हैं। लेकिन अपनी बनावट में यह सिंहों की आकृति बेहद सौम्य नजर आती है।इन सिंहोंके नीचे एक पट्टी पर चारों दिशाओं में चार चक्र बने हुए हैं जिनमें 24  तीलियां हैं। इन चक्रों को धर्मचक्रप्रवर्तन का प्रतीक माना जाता है, आइये हम अशोक चक्र के तीलियों का अर्थ बताते है

अशोक चक्र में दी गयी 24  तीलियों का अर्थ (चक्र के क्रमानुसार) जानते हैं –

 

चक्र

 

अर्थ

 

व्याख्या

 पहली तीली   संयम  संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है
 दूसरी तीली   आरोग्य  निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है
 तीसरी तीली   शांति  देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह
 चौथी तीली   त्याग  देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास
 पांचवीं तीली   शील  व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा
 छठवीं तीली   सेवा  देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा
 सातवीं तीली   क्षमा  मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना
 आठवीं तीली   प्रेम  देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना
 नौवीं तीली   मैत्री  समाज में मैत्री की भावना
 दसवीं तीली   बन्धुत्व  देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना
 ग्यारहवीं तीली    संगठन  राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना
 बारहवीं तीली   कल्याण  देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना
 तेरहवीं तीली   समृद्धि  देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना
 चौदहवीं तीली   उद्योग  देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना
 पंद्रहवीं तीली   सुरक्षा  देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना
 सौलहवीं तीली   नियम  निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना
 सत्रहवीं तीली   समता  समता मूलक समाज की स्थापना करना
 अठारहवी तीली   अर्थ  धन का सदुपयोग करना
 उन्नीसवीं तीली   नीति  देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना
 बीसवीं तीली   न्याय  सभी के लिए न्याय की बात करना
 इक्कीसवीं तीली    सहयोग  आपस में मिलजुल कार्य करना
 बाईसवीं तीली   कर्तव्य  अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना 
 तेईसवी तीली   अधिकार  अधिकारों का दुरूपयोग न करना
 चौबीसवीं तीली   बुद्धिमत्ता  देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना

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