नई दिल्ली। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी को जनता एक बार फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज किया. आज यानी शनिवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर पीएम मोदी ने देश की जनता के नाम एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने देश के मौजूदा संघर्ष और उज्ज्वल भविष्य पर रौशनी डाली है. उन्होंने देश की 130 करोड़ जनता कों नमन किया है और आशा जताई है कि भारत स्वास्थ्य आपदा और आर्थिक चुनौतियों से आगे निकल कर आत्मनिर्भरता की और कदम बढ़ाएगा.
धानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में पहले कार्यकाल का जिक्र किया, इसके बाद दूसरे कार्यकाल के पहले साल की उपलब्धियों को गिनाया. प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के नाम पत्र के जरिए लोगों से संवाद किया है. आइए जानते हैं पीएम मोदी के पत्र की खास बातें:
पीएम मोदी की खत की बड़ी बातें
हम देश के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. कुछ खामिया रह सकती हैं, मगर भारत किसी भी मामले में किसी से पीछे नहीं है. अपनी शक्ति और क्षमता पर भरोसा होना जरूरी है. यदि हमारे एक हाथ में कर्म और कर्तव्य है, तो दूसरे हाथ में सफलता जरूर होगी.
हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ का पैकेज इसी दिशा में उठाया गया कदम है. भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा. यह भारत के लिए अवसरों का नया दौर लेकर आएगा.
3 130 करोड़ भारतीय अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं. आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा. अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है आत्मनिर्भर भारत.
आज यह चर्चा बहुत बड़ी है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी. लेकिन दूसरी ओर ये विश्वास भी है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी नई मिसाल कायम करेंगे.
अभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस हौसले के साथ वहां के लोगों ने परिस्थितियों का सामना किया, चक्रवात से होने वाले नुकसान को कम किया, वह भी हम सभी के लिए बड़ी प्रेरणा है.
निश्चित तौर पर इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ या असुविधा न हुई हो. श्रमिक, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले आदि लोगों ने असीमित कष्ट सहा है. इनकी परेशानियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.
व्यापारी कल्याण बोर्ड के जरिए कारोबारियों की समस्याओं का समाधान निकाला जा रहा है. 7 करोड़ महिलाओं को स्वसहायता समूहों के जरिए आर्थिक मदद दी जा रही है. हाल ही में इन समूहों ही गारंटी राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है.
व्यापारी कल्याण बोर्ड के जरिए कारोबारियों की समस्याओं का समाधान निकाला जा रहा है. 7 करोड़ महिलाओं को स्वसहायता समूहों के जरिए आर्थिक मदद दी जा रही है. हाल ही में इन समूहों ही गारंटी राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है.
पीएम किसान निधी के जरिए 9.5 करोड़ किसानों को 72,000 करोड़ रुपये का धनराशि दी गई है. ग्रामीण जीवन को बेहतर करने के लिए 15 करोड़ परिवारों को जन जीवन मिशन के साथ जोड़ा गया है. पशुधन की टीकाकरण योजना का लाभ 50 करोड़ प्राणियों को मिला.
हम तेज गति से आगे बढ़ रहे थे कि कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत को भी घेर लिया. कई लोगों ने आशंका जताई थी जब कोरोना भारत पर हमला करेगा तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा. लेकिन आज आपने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है.
सामान्य जन के हित से जुड़े बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी पिछले 1 साल में तेजी से काम हुआ और पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया. यही कारण है कि कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट हो, चिटफंड कानून में संशोधन हो, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले कानून हों, ये सब तेजी से बन पाए हैं.
देश में विकास की राह पर आगे बढ़ते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद को बहाल किया, ताकि सेना के तीनों अंगों के बीच समन्वय बढ़ाया जा सके. अब देश मिशन गगनयान के जरिए अंतरिक्ष की ऊंचाई नापने का तैयारी कर रहा है.
देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक साथियो, सभी के लिए 60 साल की आयु के बाद 3 हजार रुपये की नियमित मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है.
एक के बाद एक हुए इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले और बदलाव ऐसे भी हैं जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति और नए लक्ष्य दिए हैं. लोगों की अपेक्षाओं को भी पूरा किया है.
130 करोड़ लोग राष्ट्र के विकास कार्य में जुटे हैं. देश ‘जन शक्ति’ और ‘राष्ट्र शक्ति’ की भावना से ओतप्रोत है. चारों तरफ ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के नारे की गूंज सुनाई पड़ रही है.
पिछले एक साल में कुछ खास निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है. अनुच्छेद 370, राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून, ये सारी उपलब्धियां सभी को स्मरण हैं.
इस दौरान हमने गरीबों का उत्थान किया है. देश ने समाहित आर्थिक विकास के लक्ष्य को पूरा किया है. मुफ्त गैस और बिजली कनेक्शन ने गरीबों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले देशवासियों को मूलधारा से जोड़ा है. सभी के लिए छत का लक्ष्य भी पूरा करना है.
2019 में जनता का आशीर्वाद देश के बड़े सपनों के लिए था. इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है.
2014 में जनता ने देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और ऋति बदलने के लिए वोट किया था. उन 5 वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है.
आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा. देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की सरकार को लगातार दूसरी बार जनादेश मिला. 130 करोड़ जनता के लोकतंत्र में विश्वास को नमन. देश के प्यार और साथ ने सरकार को नई प्रेरणा और ऊर्जा दी है.