चलिए जानते हैं Advocate सीमा कुशवाहा से जुड़ी कुछ खास बातें, जो पिछले सात साल से अदालत में 23 वर्षीय निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहीं थीं। उस निर्भया की लड़ाई, जिसके साथ दिल्ली में छह लोगों ने बर्बरतापूर्वक दुष्कर्म किया था और उसे मार डाला था।
सीमा कुशवाह का जन्म और शिक्षा
- सीमा कुशवाहा का जन्म गुरुवार, 2 अक्टूबर 1986 इटावा (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उनकी इस समय आयु 33 वर्ष है।
- उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है।
बिना फिस और पूरे जज्बे के साथ लड़ा Nirbhaya Case
- जिस वक्त निर्भया के साथ यह दर्दनाक घटना हुई उस वक्त सीमा कोर्ट में ट्रेनिंग कर रहीं थी।
- जैसे ही उन्हें इस केस का पता चला उन्होंने बिना पैसे के इस केस को लड़ने का फैसला किया।
- उन्होनें साल 2013 में दिल दहला देने वाला जघन्य निर्भया गैंग-रेप कांड का मामला उठाया और दोषियों को फांसी देने तक सात साल तक लगातार लड़ाई लड़ी।
- वह साल 2013 में साकेत कोर्ट से चार दोषियों को मौत की सजा दिला पाने में कामयाब रहीं।
- वहीं साल 2014 में वह दिल्ली उच्च न्यायालय और फिर साल 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय से निर्भया के चारों क्रूर अपराधियों को अंततः सजा दिला पाने में सफल रहीं।
सीमा कुशवाह का करीयर
- सीमा ने 2013 में निर्भया का मामला उठाकर अपने करियर की शुरुआत की, तब तक उन्होंने अदालत में कोई केस नहीं लड़ा था।
- कुलमिलाकर कहें तो निर्भया केस सीमा कुशवाह के वकालत करियर का पहला केस था।
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ज्योति लीगल ट्रस्ट से जुड़ी सीमा कुशवाह
साल 2014 में वह सीमा ज्योति लीगल ट्रस्ट से जुड़ीं, जो दुष्कर्म पीड़ितों के लिए मुफ्त में केस लड़ता है और उन्हें कानूनी सलाह देता है।
सीमा बनना चाहती थी IAS Officer
एक इंटरव्यू के दौरान सीमा ने बताया था कि उनका सपना आईएएस बनना था और वह यूपीएससी परीक्षा देने के लिए तैयार हो चुकी थीं। लेकिन किस्मत को उनके लिए वकालत का पेशा ही मंजूर था। वर्तमान समय में वह सुप्रीम कोर्ट में एक प्रैक्टिसिंग लॉयर हैं। सीमा की मानें तो निर्भया का केस लड़ना उनके लिए भी एक बड़ी चुनौती था।
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