नई दिल्ली। सरकार पेंशन की सुविधा अपने कर्मचारियों को उनकी सेवा समाप्त होने के बाद उपलब्ध कराती है। जिसके लिए हर साल पेंशनर्स को नवंबर महीने में अपने बैंक में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट या फिर जीवन प्रमाण पत्र को जमा करना पड़ता है। जिससे कर्मचारियों को पेंशन मिलने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है। बता दें कि इससे पहले पेंशनर्स को फिजकली यानी खुद जाकर इस सर्टिफिकेट को जमा करना होता था लेकिन अब यह काम ऑनलाइन भी किया जा सकता है।
जानिए इसकी क्या हैं शर्तें
सबसे पहले बता दें कि इस सुविधा का लाभ लेने के लिए पेंशन मंजूर करने वाले प्राधिकरण यानि की (PSA) को जीवन प्रमाण के साथ रजिस्टर होना चाहिए। इसकी सूची (पंजीकृत पीएसए की सूची https://jeevanpramaan.gov.in
पर ‘सर्कुलर’ टैब के तहत पाई जा सकती है) इस वेबसाइट विजिट कर पाई जा सकती है।
बता दें कि डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र यानि की (डीएलसी) एक आदमी के लिए जेनरेट किया जाता है। इसे डिजिटल रूप से पेंशन बांटने वाले प्राधिकरण को उपलब्ध कराया जाता है।
डीएलसी कहां से करें प्राप्त
आप पेंशनर नागरिक सेवा केंद्र (सीएससी) या पेंशन बांटने वाली एजेंसी (डाकघर, बैंक, ट्रेजरी) से डीएलसी प्राप्त कर सकते हैं।अपने नजदीकी CSC सेंटर का पता https://jeevanpramaan.gov.in पर “लोकेट अ सेंटर” पर क्लिक करके लगाया जा सकता है।
एप्लिकेशन को पीसी या डिवाइस पर डाउनलोड करने के मामले में प्रमाणित और अनुमोदित बायोमेट्रिक डिवाइस की उपलब्धता होनी जरुरी है।
जानिए किन चीजों की होगी जरूरत
बता दें कि सीएससी या पीडीए जाने पर पेंशनर को अपने आधार नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स और पेंशन से संबंधित जानकारी जैसे की पेंशन खाता संख्या, पेंशन मंजूरी और पेंशन डिस्बर्सिंग अथॉरिटी की डिटेल्स देने की जरूरत होती है। इसके बाद पेंशनर को अपनी बायोमेट्रिक पहचान प्रदान करने की भी जरुरत होती है।
जानिए इसकी पूरी प्रक्रिया
बॉयोमेट्रिक सत्यापन के बाद जीवन प्रमाण पत्र जेनरेट होता है। इसमें यूनीक आईडी होती है। यानी हर पेंशनर को अलग प्रमाण आईडी दी जाती है। पेंशनर को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक एकनॉलेजमेंट संदेश दिया जाता है।
डीएलसी की वैलिडिटी जीवनभर के लिए नहीं होता। यह पेंशन बांटने वाले प्राधिकरण के नियमों के तहत तय किया जाता है। एक बार डीएलसी की वैधता की समय सीमा समाप्त हो जाने पर नया सर्टिफिकेट लेने की जरुरत पड़ती है।
इन बातों का जरुर रखें ध्यान
पेंशनर को खुद बैंक/ डाकघर/ पेंशन बांटने वाली एजेंसी को डीएलसी जमा करने की जरुरत नहीं होती है। यह उनके लिए ऑनलाइन उपलब्ध होता है।
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