नई दिल्ली। नर्सों का हमारे जीवन में काफी महत्व है। कोरोना काल में नर्सों की भूमिका और भी अहम हो गई है। यूं भी कह सकते हैं कि हमें जिंदा रखने में नर्सों की बड़ी भूमिका होती है।वह गंभीर से गंभीर मरीज की देखभाल करती हैं। अपने सुख-चैन को त्याग कर दूसरों की भलाई के लिए काम करती हैं। उनके योगदानों और बलिदान के जज्बे को सलाम करने के लिए 12 मई का दिन चुना गया। यह दिन दुनिया भर की नर्सों को समर्पित है।इस दिन अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।
दुनिया की महान नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर नर्सिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली नर्सों को फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाता है। आइए इस दिन से जुड़े कुछ खास बातें जानते हैं।
आपको बता दें,ब्रिटिश परिवार में 12 मई 1820 को जन्मी फ्लोरेंस नाइटिंगेल अपनी सेवा भावना के लिए याद की जाती हैं। उन्होंने 1860 में सेंट टॉमस अस्पताल और नर्सों के लिए नाइटिंगेल प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना की थी।
अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के एक अधिकारी डोरोथी सुदरलैंड ने पहली बार नर्स दिवस मनाने का प्रस्ताव 1953 में रखा था। इसकी घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति डेविट डी. आइजनहावर ने की थी। जनवरी, 1974 में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर इसे मनाने की घोषणा की गई। इसी दिन यानी 12 मई को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन को ही अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया।1965 से अभी तक यह दिन हर साल इंटरनैशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।
लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर रखने में नर्सों का बड़ा योगदान होता है। नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे मरीजों को मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और चिकित्सीय तौर पर फिट होने में मदद करें। इस दिन नर्सों के योगदान को रेखांकित किया जाता है। इससे दुनिया नर्सों के महत्व से अवगत होती है। नर्सों को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। हर साल 12 मई को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार दिया जाता है। इसकी शुरुआत 1973 में भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय ने की थी।
पुरस्कार से नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्यता प्रदान की जाती है। अब तक कुल 250 के करीब नर्सों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार हर साल देश के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है।