नई दिल्ली।इन दिनों सोशल मीडिया पर एक word जबरजस्त ट्रेंड कर रहा है..जी हां..वह शब्द है मोमो…देशभर में जारी लॉकडॉउन के बीच ये शब्द सोशल मीडिया पर छाया हुआ है और लोग इसे काफी मिस कर रहें है। जी हां, मोमो एक डिश है जिसे लोग काफी पसंद करते है..गली-चौराहों से लेकर मॉल्स,पब और रेस्टोरेन्ट में यह व्यंजन खास तौर पर परोसी जाती है।
इसका अनोखा और चटपटा स्वाद लोगों की जुबां पर छाया रहता है और लोग इसे काफी चाव से खाते है।स्ट्रीट फूड की शान ‘मोमो’ की कहानी क्या आप जानते है? क्या आप जानते है इस शब्द के अर्थ के बारे मे…क्या पता है यह आखिर आया कहां से…तो चलिए आज बताते है आपको आखिर यह है क्या और इसकी शुरुआत कहां से हुई?
मोमो वैसे तो तिब्बत और नेपाल की एक बेहद ही मशहूर पारंपरिक डिश है लेकिन अब यह पूरे देश में फेमस हो गई है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि नॉर्थ ईस्ट के शिलॉन्ग में सबसे स्वादिष्ट मोमो मिलते हैं।आपको बता दें कि मोमो को एक चीनी समुदाय शिलॉन्ग लेकर आया था। वह लोग चीन से आकर यहां बस गए थे। फिर इसी समुदाय ने चाइनीज फूड के ट्रेंड की शुरुआत की जिसमें खासतौर पर मोमो को शामिल किया गया था।
जानिए मोमो का क्या अर्थ है?
मोमो एक चाइनीज शब्द है, जिसका मतलब है भाप में पकी हुई रोटी। दरअसल मोमोज अरुणाचल प्रदेश के मोनपा और शेरदुकपेन जनजाति के खानपान का एक अहम हिस्सा हैं। यह जगह तिब्बत बॉर्डर से बिल्कुल लगी हुई है। इस जगह पर मोमोज को पोर्क और सरसों की पत्तियों व अन्य हरी सब्जियों की फिलिंग से तैयार किया जाता है।
अरुणाचल प्रदेश से लगे कुछ खास जनजातियों के लोगों का यह काफी प्रिय भोजन है। वह इसे बड़े चाव से खाते हैं। इसकी फिलिंग में वह सरसों की पत्तियां और अन्य सब्जियां भरते हैं। लोग इसे सेहत के लिए बहुत अच्छा मानते हैं।
जानिए मोमोज कैसे पहुंचा सिक्किम
सिक्किम में मोमोज भूटिया, लेपचा और नेपाली समुदायों की वजह से पहुंचा जिनके डाइट का हिस्सा मोमो हुआ करते थे। सिक्किम में जो मोमोज बनाए जाते हैं वह तिब्बती मोमोज जैसे ही होते हैं। 1960 में भारी संख्या में तिब्बतियों ने अपने देश से पलायन किया था जिसकी वजह से उनका कुजीन भारत के सिक्किम, मेघालय, पश्चिम बंगाल और कलिमपोंग के पहाड़ी शहरों तक पहुंचा और फिर वहां से इसने दिल्ली तक का सफर तय किया। यहां मोमो भाप से व तलकर दोनों तरह से बनाए जाते हैं।
चीन में मोमो
चीन में मोमोज को डिमसिम या डंपलिंग के नाम से जाना जाता है। यहां पर इसकी फिलिंग बीफ या पॉर्क के मीट से की जाती है। वहीं कुछ इलाकों में हरी सब्जियों से भी इसकी फिलिंग की जाती है।
आजकल दिख रहा मोमोज का नया ट्रेंड
आज के समय में मोमोज को कई नए रूप दे दिए गए हैं जो लोगों को पसंद आ रहे हैं। मोमोज को तल कर और भून कर खाने के अलावा अब तंदूरी मोमोज भी बनाए जा रहे हैं। यह खाने में काफी लजीज लगते हैं।आजकल तो चॉकलेट मोमोज भी बाजार में उपलब्ध है। अगर, बात करें इसके चटनी की तो वो भी काफी स्पेशल होती है। यहां तक की मोमोज को कई तरह की चटनियों के साथ परोसने का ट्रेंड भी चल गया है। हर जगह इसे नई और चटपटी चटनियों के साथ तो कभी चाट मसाला..आरिगेनो टापिंग के साथ परोसा जाता है।
तो फिर आप भी इस बेहतरीन व्यंजन का घर पर ही लुत्फ उठाइए…