भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही इस स्कीम में सरकारी स्कूल में प्राइमरी और अपर प्राइमरी में 8वीं तक पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर मे ताजा खाना देने की योजना तैयार किया है। 1995 से शुरू हुई ये योजना पूरे भारत के सभी सरकारी स्कूलों में चलाई जा रही है।
आपको बता दें कि सरकार की इस लाभकारी योजना का लुफ्त हर रोज करोड़ो बच्चे उठाते हैं। इस योजना का मुख्य मकसद बच्चों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध करवाना और उन्हें होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाना है।
आइए इस योजना की शुरुआत करने के उद्देश्यों के बारे में और अधिक जानते हैं।
- भारत सरकार का मिड-डे मील योजना की शुरूआत करने का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करना है ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें। इस योजना के तहत बच्चों को उचित पोषक तत्वों वाला खाना मुहैया करवाया जाता है।
- वहीं सरकार की इस पहल से कई गरीब परिवारों ने भी अपने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू कर दिया है। जिससे बच्चे शिक्षा के साथ-साथ उचित पोषण भी प्राप्त कर पा रहे हैं।
- मिड-डे मील योजना का मुख्य मकसद भारत में कुपोषण से हो रही बच्चों की मौतों पर काबू पाना और बच्चों को उचित पोषण वाला खाना उपलब्ध करवाना है ताकि बच्चे स्वस्थ रह सकें और एक स्वस्थ भारत का निर्माण हो सके ।
- भारत में ज्यादा परिवार ऐसे हैं जिन्हें दो वक्त का खाना तक नहीं मिल पाता है ऐसे में वे अपने बच्चों को सही तरीके से पोषण नहीं दे पाते जितना कि बच्चों के विकास के लिए जरूरी है।
- मिड-डे-मील स्कीम का ज्यादा से ज्यादा बच्चों को फायदा पहुंचाया गया है खास कर सूखा प्रभावित क्षेत्रों की बता करें तो इस योजना के तहत स्कूल की छुट्टियों के दौरान भी खाना उपलब्ध करवाया गया है।
- इस महत्वपूर्ण योजना की जिम्मेंदारी भारत सरकार के ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मिनिस्ट्री को दी गई है, इसके साथ ही इस स्कीम से जुड़ी गाइडलाइंस भी बनाई गई हैं। इसके अलावा ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मिनिस्ट्री के द्वारा कई ऐसी कमेटी भी बनाई गई हैं जो कि इस स्कीम को और बेहतर बनाने की जिम्मेदारी निभाती है।