जानिए 24 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है पंचायती राज दिवस

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नई दिल्ली। हर साल 24 अप्रैल को पूरे देश में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था। बता दें इस दिन को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। पूरे देश को चलाने में सिर्फ केंद्र सरकार या सिर्फ राज्य सरकार सक्षम नहीं हो सकती है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर भी प्रशासनिक व्यवस्था जरूरी है। इस काम के लिए बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में 1957 में एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी सिफारिस में जनतांत्रिक विकेंद्रीकरण की सिफारिश की जिसे पंचायती राज कहा गया है।

panchayati fiजानिए क्या है संविधान का 73 वां संशोधन अधिनियम 1992
1992 को संविधान में 73वां संशोधन कर पहली बार पंचायती राज संस्थान की पेशकश की गई। इसके तहत स्थानीय निकायों को शक्तियां दी गईं। पंचायतीराज के तहत गांव, इंटरमीडिएट और जिलास्तर पर पंचायतें संस्थागत बनाई गई हैं। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस जमीनी स्तर से राजनीतिक शक्ति के विकेंद्रीकरण के इतिहास को बताता है। उनकी आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की शक्ति को दर्शाता है। राजस्थान देश का पहला राज्य बना जहां पंचायती राज व्यवस्था लागू किया गया। इस योजना का शुभारम्भ तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नागौर जिले में 2 अक्टूबर 1959 को किया था।

panchayati raj diwasपंचायती राज दिवस मनाने का क्या है मुख्य कारण
भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 27 मई 2004 को पंचायती राज मंत्रालय को एक अलग मंत्रालय बनाया गया। भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का कारण 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 है जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था।

panchayati raj diwas.jpg 1इस साल पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी ग्राम पंचायतों के प्रमुखों को संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने नए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और ऐप की शुरुआत की। इस पोर्टल के जरिए ग्राम पंचायतों की समस्या, उनसे जुड़ी जानकारी एक जगह पर मौजूद रहेगी।अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट से हमें सबक मिला है कि अब आत्मनिर्भर होना काफी जरूरी है।

pm panchayati rajअपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के बीच गांव वालों ने दुनिया को बड़ा संदेश दिया है। गांव वालों ने सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बल्कि ‘दो गज दूरी’ का संदेश दिया, जिसने कमाल कर दिया है…
तो फिर आप भी इस संदेश को अपनाएं और लोगों से दो गज की दूरी बनाकर रखें।

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