मत्स्य पुराण में भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा के साथ अनेक तीर्थ, व्रत, यज्ञ, दान आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें जल प्रलय,काशी महात्म्य, राजधर्म, दान महात्म्य, मत्स्य व मनु के संवाद, तीर्थयात्रा, प्रयाग महात्म्य, नर्मदा महात्म्य, मूर्ति निर्माण माहात्म्य एवं त्रिदेवों की महिमा आदि पर भी प्रकाश डाला गया है। 14000 श्लोकों वाला यह पुराण प्राचीन हिन्दू ग्रंथ है। यहाँ पर आप मत्सय पुराण को Online डाउनलोड कर सकते है या Online भी पढ़ सकते है निचे दो लिंक दिए गए है भाग १ और भाग २ दोनों अगल अलग पुस्तके है जिसमें लगभग 500 -500 पेज दोनों में अलग अलग है , आप इसका प्रिंट आउट भी निकाल सकते है , अगर आप को पुस्तक डाउनलोड करने अथवा Read करने में कोई समस्या आती है तो आप कमेंट बॉक्स में अपनी समस्या बता दीजिये, औरअपनी ईमेल id जरूर शेयर करें जिससे हम पुस्तक को सीधे आप को ईमेल भेज देंगे , इस पुस्तक के लेखक और अनुवादक पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी है जिन्होंने ४ वेद, १०८ उपनिसाद , २० स्मिर्तियाँ , 18 पुराण लिखा है
मत्स्य पुराण भाग १
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मत्स्य पुराण भाग 2
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