नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल की अवधि में एक पेंशन योजना की शुरुआत की थी। इसका नाम अटल पेंशन योजना है। अब सरकार ने पेंशन योजना के एक नियम में बदलाव कर दिया है। इस नए नियम से देश के 2 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को राहत मिलेगी।
दरअसल, पेंशन नियामक पीएफआरडीए ने बैंकों से अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के अंशधारकों के योगदान की राशि में साल के दौरान किसी भी समय बदलाव की बात को स्वीकार करने और उसके लिये जरूरी कदम उठाने को कहा है।
इसका मतलब ये है कि आप साल में किसी भी समय पेंशन की योगदान राशि को घटा या बढ़ा सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य अटल पेंशन योजना को और अधिक आकर्षक बनाना है। इससे पहले, अंशधारकों को केवल अप्रैल महीने में ही योगदान राशि में बदलाव की अनुमति दी गई थी।
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने कहा है कि, ‘‘इस नई व्यवस्था से अंशधारक अपनी आय और क्षमता के हिसाब से योगदान की राशि को घटा/बढ़ा सकेंगे। यह 60 साल तक योजना में योगदान बनाये रखने के लिये काफी जरूरी है।’ हालांकि अंशधारक वित्त वर्ष में केवल एक बार पेंशन योजना में बदलाव कर सकते हैं। बता दें कि अटल पेंशन योजना के तहत करीब 2.28 करोड़ अंशधारक रजिस्टर्ड हैं।अटल पेंशन योजना मई 2015 में शुरू की गयी थी। यह योजना 18 से 40 साल के देश के सभी नागरिकों के लिये खुली है।
योजना के तहत अंशधारकों को 60 साल के होने पर हर माह 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की पेंशन की गारंटी दी जाती है। फिलहाल, योजना में न्यूनतम योगदान की जो रकम है वे 42 रुपये है।
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