नई दिल्ली।आज हम ऐसी सब्जी की बात कर रहे है जिसे बहुत कम लोग ही जानते होगें और कम इस्तेमाल ही करते होगें..जी हां, ओल..सूरन या फिर जिमीकंद।ओल की सब्जी या आचार तो आपने जरूर खाई होगी, लेकिन क्या आपको पता है ये ओल आपके लिए कितने फायदेमंद है ? ओल को सूरन या जिमीकंद भी कहा जाता है।
जिमीकंद एक प्रकार का कंद-मूल है, जिसमें कई खास पोषक तत्व पाए जाते हैं। हाथी के पैरों की तरह दिखने के कारण, इसे जिमीकंद कहा जाता है। यह ज्यादातर अफ्रीका में खाई जाती है, बता दें कि इसके अलावा यह भारत सहित कई एशियाई देशों में इस्तेमाल की जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम अमोरफोफ्लस पाओनीफोलिअस (Amorphophallus Paeoniifolius) और हिंदी में इसे सुरन भी कहा जाता है। एक जिमीकंद का वजन करीब 30 किलो तक होता है।
जिमीकन्द में ऐसे मिनरल्स पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के कार्यों को पूरा करने के लिए काफी जरुरी हैं। ये मिनरल्स तांबा, सेलेनियम, फास्फोरस, जस्ता, पोटेशियम और मैग्नीशियम है। बता दें कि एलिफंट फूट यैम में बड़ी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसमें एक बहुत बड़ी मात्रा में कार्ब्स और ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं जो ऊर्जा और जीविका के लिए जरुरी हैं जैसे कि आलू। जिमीकंद पर किए गए स्टडी से पता चला है कि यह खाद्य पदार्थ शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाने का काम करता है।
जिमीकंद कई प्रकार में मौजूद हैं…
संतरा गाची: संतरा गाची जिमीकंद की एक प्रकार है। जिमीकंद की इस किस्म के पौधे बड़े होते हैं, जिनकी लंबाई 3 से 4 फुट तक होती है। इनका कंद खुरदुरा और इनका भीतरी भाग मक्खनी रंग का होता है। इसकी पैदावार भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में ज्यादा फेमस है। इसे खाने से गले में हल्की जलन या खुजली हो सकती है।
कोववयूर: यह बेहद उन्नत किस्म का जिमीकंद माना जाता है, जिसे आमतौर पर हाइब्रिड बीज की प्रजाति भी कहा जाता है। इसके अंदर का भाग सफेद रंग का होता है। जिमीकंद की यह किस्म व्यापारिक किस्म भी मानी जाती है।
गजेन्द्र-1: गजेन्द्र-1 भी जिमीकंद की एक प्रकार है, जिसके अंदर का गूदा हल्का नारंगी रंग का होता है। आमतौर पर यह घरों के बाहर और फूलों की नर्सरी में भी उगाया जाता है। खाने में सबसे ज्यादा गजेन्द्र-1 जिमीकंद का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसे खाने से गले में हल्की जलन हो सकती है।
अगर बात करें जिमीकंद के फायदे की…
जिमीकंद कोलेस्ट्रॉल को कम करने में है मददगार
जिमीकंद में ओमेगा 3 फैटी एसिड की एक उच्च सामग्री पाई जाती है। ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। इस तरह जिमीकंद दिल की बीमारी, स्ट्रोक और कैंसर को रोकने में मदद करता है। जिमीकंद में शक्तिशाली एंटीकायगुलेंट यौगिक होते हैं जो दिल के दौरे को रोकने में भी मदद करते हैं।
जिमीकंद करें शुगर (मधुमेह) का उपचार
जिमीकंद शुगर (मधुमेह) से पीड़ित लोगों के लिए एक स्वस्थ विकल्प है क्योंकि इसकी कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (रक्त शर्करा धीरे धीरे बढ़ाता है) होता है। इसको 90 दिनों तक खाने से रक्त में शर्करा का स्तर कम होता है और इंसुलिन या रक्त शर्करा की मात्रा कम हो जाती है जो एक व्यक्ति की चीनी की जरूरतों को कम करती है।
जिमीकंद के औषधीय गुण करें कैंसर का इलाज
जिमीकंद में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो प्रोबायोटिक बैक्टीरिया के लिए एक अद्भुत घर है जिससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में सहायक है। यह बृहदान्त्र कैंसर को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें डायस्पेंनिन भी शामिल है। जिस पर कैंसर के उपचार और रोकथाम के लिए शोध किया जा रहा है।
जिमीकंद वजन कम करने में है मददगार
जिमीकंद के सेवन से आप हमेशा भरा हुआ महसूस करते हैं जिससे आपको जल्दी भूख नहीं लगती और इस तरह आप अपना वजन कम कर सकते हैं। आप इसे भुन सकते हैं या सेंक सकते हैं, लेकिन अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं या अपने अन्य स्वास्थ्य लाभों का आनंद लेने के लिए इसे तलने से बचें।
गठिया दूर करने में लाभकारी है जिमीकंद
जिमीकंद में सूजन को कम करने वाले गुण पाएं जाते हैं। जो गठिया जैसे रोग की सूजन को कम करने में मदद करता है। इसमें दर्द को कम करने वाले गुण भी होते हैं और यह गठिया और अन्य दर्द के मामले में प्रभावी साबित हो सकता है।
जिमीकंद का उपयोग करे बवासीर में
यह सब्जी आमतौर पर उन लोगों को खाने की सलाह दी जाती है जो बवासीर के लिए इलाज करवा रहे हैं। यह अनियमित आंतों के कार्यों को कम करने में मदद करता है और कब्ज का इलाज करता है।
लिवर को साफ़ करें जिमीकंद से
जिमीकंद बहुत ही अच्छा लिवर को साफ़ करने वाला एजेंट है क्योंकि इसमें बहुत अधिक फाइबर होता है जो विषाक्त पदार्थों से लिवर को साफ करने में मदद करता है।
जिमीकंद दस्त और पेट में दर्द और गैस में मदद करता है।
जिमीकंद खाने से मांसपेशियों की ऐंठन को रोकने में भी मदद मिलती है।
जिमीकंद के नुकसान…
अपने आहार में जिमीकंद को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरुर लें।
जो लोग अस्थमा, साइनस संक्रमण या पुरानी ठंड से पीड़ित हैं, उन्हें इसके सेवन करने से बचना चाहिए।
इसका ठंडा प्रभाव पड़ता है। माताओं या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरुर लेनी चाहिए।
आपके पास भी इससे जुड़ी कोई जानकारी है या कोई प्रश्न है जो आप हमसे पूछना चाहते है तो आप हमें कमेंट कर पूछ सकते है आपको हर संभव मदद दी जाएगी। साथ ही ऐसी योजनाओं और रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ ताकि आप तक ऐसी जानकारी पहुंचती रहे।
- कुछ लोगों को सूरन यानी जिमीकंद खाने से एलर्जी हो सकती है। जैसे कि उन्हें खुजली हो सकती है, उनके गले में ख़राश हो सकती है आदि।
- अक्सर देखा गया है कि जिमीकंद को गर्भवती महिलाओं को खाने से रोका जाता है। हालांकि जिमीकंद का गर्भावस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है यह अभी साफ़ नहीं हो पाया है।
- हर एक चीज की अति होती है, ठीक इसी तरह अगर जिमीकंद को बहुत ज्यादा खाया जाए तो इससे उलटी हो सकती है।
- जिन लोगों में प्रोटीन की कमी होती है, उनके जिमीकंद का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जिमीकंद खाने से खून का थक्का बन सकता है। हालांकि ऐसा होना बहुत ही दुर्लभ है।
- जिन लोगों को एस्ट्रोजन हार्मोन से कोई दिक्कत है तो उन्हें जिमीकंद से सेवन से बचना चाहिए।