नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों को 10 हजार रुपये तक का कर्ज मुहैया कराने के लिये सोमवार को सूक्ष्म-ऋण योजना शुरू की ताकि वे कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुई आजीविका फिर से शुरू कर सकें।
बता दें, केंद्र सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी-पटरी) के लिए खास पीएम स्वनिधि योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत इन्हें कामकाज में मदद के लिए 10 हजार रुपए तक का लोन दिया जाएगा। इस स्कीम के लिए सरकार ने 5000 करोड़ रुपए की राशि रखी है।यह लोन लेने के लिए किसी भी तरह की जमानत यानि की (गारंटी) नहीं देनी होगी। हम आपको इस योजना के बारे में बता रहे हैं।
किसे मिलेगा लोन?
सड़क किनारे, ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों को यह कर्ज दिया जाएगा। फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें भी इस श्रेणी में शामिल की गई हैं। यह कर्ज बेहद आसान शर्तों पर दिया जाएगा। इसमें किसी गारंटी की जरूरत नहीं होगी।
जानिए योजना की खास बातें
इस लोन के लिए किसी तरह के गारंटी की जरूरत नहीं होगी।
मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल आधारित आवेदन प्रक्रिया होगी।
समय पर या उससे पहले कर्ज चुकाने पर 7 फीसदी की ब्याज सब्सिडी।
पहले लोन के समय पर और जल्द भुगतान की स्थिति में अधिक लोन की एलिजिबलिटी।
डिजिटल लेनदेन की रसीद या भुगतान पर मासिक कैशबैक की सुविधा।
‘देश में पहली बार सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वालों के रोजगार के लिए लोन की व्यवस्था की है। ‘पीएम स्वनिधि’ योजना से 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। इससे ये लोग कोरोना संकट के समय अपने कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे।’
बता दें मोदी सरकार 2.0 की पहली कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इसमें कृषि, मजदूरी से लेकर छोटे उद्योगों के लिए कई बड़े फैसले हुए। बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों की योजना को एक नया नाम दिया गया है। अब यह योजना पीएम स्वनिधि योजना के नाम से जानी जाएगी जो मुख्य रूप से रेहड़ी पटरी वालों के लिए समर्पित होगी।