अयोध्या केस की सुनवाई शुक्रवार को भी सुप्रीम कोर्ट में जारी रहेगी। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अब सप्ताह में तीन दिन सुनवाई की बजाय 5 दिन केस को सुनने का फैसला लिया है।
ऐसा पहली बार हो रहा है, जब संवैधानिक बेंच किसी केस की सप्ताह में 5 दिन सुनवाई करेगी। परंपरा के मुताबिक संवैधानिक बेंच सप्ताह में तीन दिन ( मंगलवार, बुधवार एवं गुरुवार ) सुनवाई करती है। हालांकि अब इस केस की हर वर्किंग डे पर सुनवाई की बात कही है।
लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से इस फैसले पर असमर्थता जाहिर की गई है, शुक्रवार को जब अदालत में मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने चीफ जस्टिस के सामने अपनी बात रखी उन्होंने सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट के सामने अपील की कि वह हफ्ते में पांच दिन सुनवाई के लिए कोर्ट की मदद नहीं कर सकते हैं।
सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से वकील राजीव धवन ने अदालत से कहा कि ये सिर्फ एक हफ्ते का मामला नहीं है, बल्कि लंबे समय तक चलने वाला केस है, उन्होंने कहा कि हमें दिन-रात अनुवाद के कागज पढ़ने होते हैं और अन्य तैयारियां करनी पड़ती हैं, इस पर CJI रंजन गोगोई ने कहा कि हमने आपकी बात सुन ली है, हम आपको बताएंगे।
6 अगस्त को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई और अभी तक रामलला-निर्मोही अखाड़ा के वकील अपना पक्ष अदालत के सामने रख चुके हैं। सुनवाई के दौरान कई तरह के पौराणिक तथ्यों को अदालत के सामने रखा गया। अयोध्या विवाद की सुनवाई CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय पीठ कर रही है। इस पीठ में जस्टिस एस.ए.बोबडे, जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस.ए.नजीर भी शामिल हैं।