हरीतकी चूर्ण को हरीतकी पाउडर के नाम से भी जाना जाता है। हरीतकी पेड़ (टर्मिनलिया चेबुला) के सूखे फल से बना एक पारंपरिक आयुर्वेदिक इलाज है। चूँकि यह पाचन और रोगों से उबरने में मदद करता है इसलिए आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है। यहां घर पर हरीतकी चूर्ण बनाने की मूल विधि दी गई है: सामग्री: हरीतकी फल (सूखे), ओखली और मूसल या चक्की निर्देश: हाई क्वालिटी वाले हरीतकी फलों चुनें: अच्छी क्वालिटी वाले सूखे हरीतकी फलों को लें। ऐसे फलों की तलाश करें जो साफ हों, फफूंद रहित हों और जिनका रंग एक जैसा हो। सफाई: चूर्ण बनाने से पहले साफ़-सफाई बहुत जरूरी है। हरीतकी फल को साफ, सूखे कपड़े से धीरे से पोछें। बीज निकालें: हरीतकी फलों के अंदर बीज होते हैं। चूर्ण बनाने के लिए आपको इन बीजों को निकालना होगा। इन्हें तोड़कर बीज को निकाला जा सकता है। आपके पास फल का बाहरी आवरण या छिलका ही रहना चाहिए। फल सुखाएं: यह बहुत जरूरी है कि हरीतकी फल के छिलके पूरी तरह सूखे हों। बची हुई नमी को हटाने के लिए आप उन्हें एक या दो दिन के लिए धूप में सुखा सकते हैं। अगर नमी रह गयी तो चूर्ण आगे चलकर ख़राब हो सकता है। सीपियों को पीस लें: एक बार जब हरीतकी की सीपियां पूरी तरह से सूख जाएं, तो आप उन्हें पीसकर बारीक पाउडर बना सकते हैं। आप इसके लिए मोर्टार और मूसल या इलेक्ट्रिक ग्राइंडर का उपयोग कर सकते हैं। पाउडर को छान लें: पीसने के बाद हरीतकी पाउडर को बारीक छलनी या छलनी से छान लें ताकि कोई भी मोटा या कच्चा कण निकल जाए। इससे आपको एक बढ़िया एकसमान पाउडर मिलेगा। एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें: हरीतकी चूर्ण को ताज़ा रखने और नमी को अंदर जाने से रोकने के लिए एक एयरटाइट कंटेनर में रखें। इसे सीधे धूप से दूर, ठंडी, सूखी जगह पर स्टोर करें।
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