जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने का केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कई सारी याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय द्वारा बुधवार को सुनवाई करने का कार्यक्रम है। जम्मू-कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदियों सहित अन्य प्रतिबंधों को हटाने की मांग करते हुए ये याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35ए को रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका वकील एमएल शर्मा ने दायर की है जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद मोहम्मद अकबर लोन और रिटायर्ड जस्टिस हसनैन मसूदी ने जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में केंद्र की ओर से किए गए बदलावों को चुनौती दी है। इसके अलावा भी कई लोगों ने याचिकाएं दायर की हैं।
अनुच्छेद-370 से जुड़े सभी विषय और इसके बाद के घटनाक्रम प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं। वहीं दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रवाधान हटाए जाने के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की छह सदस्यीय टीम मंगलवार को कश्मीर घाटी पहुंच गई। घाटी में वह उन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की छह सदस्यीय टीम मंगलवार को कश्मीर घाटी पहुंच गई। घाटी में वह उन इलाकों की पहचान करेगी जहां अल्पसंख्यकों से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है।
अधिकारियों के मुताबित मंत्रालय के सचिव शैलेश के नेतृत्व में यह टीम सुबह श्रीनगर के लिए रवाना हुई। यह टीम घाटी के दो दिनों के दौरे पर है। इस टीम में संयुक्त सचिव (प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम) निगार फातिमा, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम के प्रमुख शहबाज अली, केंद्रीय वक्प परिषद के सदस्य एसएएस नकवी और मंत्रालय के दो अन्य अधिकारी शामिल हैं।