भारत में बहुत सी प्रसिद्ध इमारत है, जो पुरानी होने के बाद भी खूबसूरत और अद्भुत है, जिन खूबसूरत इमारतों को लोग दूर-दूर से देखने आते हैं और जिनके इतिहास के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है, उन इमारतों में से एक सुप्रसिद्ध इमारत है लाल किला जो दिल्ली में स्थित है।
लाल किले का निर्माण 1648 में मुगल साम्राज्य के पांचवी मुगल पीढ़ी ने अपने महल के रूप में करवाया। उस समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। राजा महाराजाओं के पास दौलत शोहरत और किस भी चीज की कोई कमी नहीं थी। वो जो चाहते थे वहीं पा लेते थे।
लाल किला को बनवाने के लिए उस समय के सबसे बड़े डिजाइनों को हायर किया गया और उस्ताद अहमद लाहौरी को लाल किले को डिजाइन करने के लिए चुना गया। यह वही उस्ताद अहमद है जिन्होंने आगरा की शान ताजमहल को भी डिजाइन किया था।
जिस दिन लाला किले का निर्माण शुरू हुआ, वह मुगल साम्राज्य का सबसे पावन दिन मोहर्रम था। 13 मई 1638 को किले की नींव इज्जत खान ने रखी जिसे विशाल और खूबसूरत बनाने के लिए 10 साल लग गए। इस तरह 10 साल बाद 1648 में लाल किला पूर्ण रूप से तैयार हुआ।
लाला किले का निर्माण होने पर शाहजहां के गृह प्रवेश के लिए लाल किला को दुल्हन की तरह सजाया गया। जिसमें सजावट की छोटी से छोटी बात का ख्याल रखा गया। दीवाने खास में विशेष दरबार सजाया गया, छतों पर दीवारों पर नक्काशी की गई। झूमर और फूलों की शोभा के साथ महल को सजाया गया ।
शाहजहां के बड़े सपने को पूरा करने में 10 साल लग गए इसलिए शाहजहां का गृह प्रवेश भी भव्य तरीके से हुआ। जब शाहजहां ने लाल किले में कदम रखा तब फुलों की वर्षा की गई और गरीबों में हीरे जवाहरात बांटे गए।
लाल किला हर किसी को मनमोहक करने वाला था। लाल किले ने औरंगजेब के मन को भी जीत लिया और 18वीं शताब्दी में मुगल शासन काल में बनी दरोहर और महलों को क्षति पहुंचाने में औरंगजेब का हाथ रहा।
1712 में चंद्र शाह ने लाल किले को हथिया लिया और करीब 29 सालों तक लाल किला बिना शासक के था। इसके बाद शासनकाल के लागू होने के 1 साल पहले ही शाहजहां की हत्या हो गई और उनकी जगह फर्रुख्सियर ने ले ली। अपने राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उसने चांदी की छत को कॉपर की छत में तब्दील कराया । 1719 में लाल किले को रंगीला के नाम से प्रसिद्ध मोहम्मद शाह ने अपनी कलाकृतियों से सजाया ।
जिसके बाद में 1761 में जब मराठा पानीपत की तीसरी लड़ाई में हार गए तब अहमद शाह दुर्गानी ने दिल्ली पर छापा मारा। 10 साल बाद आलम ने मराठाओं की सहायता से दिल्ली के तख्त को हासिल कर लिया और 1803 में एंग्लो मराठा युद्ध के दौरान दिल्ली के ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मराठा सेना को पराजित कर मराठा के शासन को खत्म कर दिया ।
ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों में लाल किला चला गया युद्ध के बाद अंग्रेजों ने लाल किले को अपने अधीन ले लिया और उसे अपना निवास स्थान तक घोषित कर दिया।
अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह द्वितीय ने आखिर 1857 क्रांति के दौरान किले को फिर से हासिल कर लिया लेकिन इतनी विशाल मुगल ताकत होने के बावजूद भी 1857 के समय अंग्रेजों ने लाल किले को हड़प लिया ।
1899 में लार्ड कर्जन का राज शुरू हुआ और किले की मरम्मत करने का आदेश दिया, इस तरह से मुगलों के बनाए हुए कीमती महल लाल किले को अंग्रेजों ने अपनी धरोहर बना लिया ।
आजादी के लिए संघर्ष कर रहे भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को ब्रिटिश सरकार ने कई बार किले में बनाई गई जेल में रखा लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों के कठिन परिश्रम से 1947 का वह दिन आ गया। जिस दिन भारत आजाद हुआ और उस शुभ दिन पर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले के लाहौर दरवाजे पर अपने देश का झंडा फहराया । वही परंपरा आज तक चली आ रही है, इस तरह अंग्रेजों से जद्दोजहद कर स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को स्वतंत्र कराया और कीमती धरोहर को भी बचा लिया। लाल किला देश का वह कोहिनूर है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और सभी भारतीयों को गर्व है कि भारत के पास अमूल्य लाल किला हैं।