तमिलनाडु का सबसे बड़ा शहर है मदुरै। यह शहर मंदिरों का शहर है जो वैगई नदी के किनारे है और सबसे प्राचीन बसे हुए शहरों में से एक है। इस शहर के दक्षिण में नागामलाई पहाड़ियां हैं और उत्तर में सिरुमलाई पहाड़ियां। इस शहर का नाम मधुरा शब्द से रखा गया था जिसका नाम है मिठास। बताया जाता है की यह मिठास दिव्य अमृत से पैदा हुई थी और भगवान शिव ने इस अमृत की मदुरई पर बारिश की थी।
इस शहर कई दूसरे नामों से भी प्रचलित है जैसे की पूर्व का एथेंस, स्लीपलेस ब्यूटी, चार जंक्शनों का शहर, और लोटस सिटी। इन नामों में से हर एक नाम इस शहर के गुणों को प्रस्तुत करते हैं। मदुरई को लोटस सिटी के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि यह कमल के फूल के आकार में बना हुआ है। यह शहर स्लीपलेस ब्यूटी के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि यहाँ 24X7 काम चलता है।
मदुरई शहर में कुछ ऐसे रेस्टोरेंट भी हैं जो पूरे 24 घंटे चलते रहते हैं और यहाँ रात में भी परिवहन की सहायता उपलब्ध है।
मदुरई शहर का आकर्षण
जैसे की पहले भी बताया गया था इस शहर में मंदिर बहुत हैं तो इसलिए मदुरई अलग अलग संस्कृतियों और धर्मों के लिए भी जाना जाता है। अलग अलग धर्मों के अवशेष इसे बहुत ही खास तीर्थ स्थल बनाते हैं। सेंट मेरीज़ कैथेड्रल, मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर और गोरिपलायम दरगाह मदुरई के मुख्य मशहूर धार्मिक स्थल हैं।
कज़ीमार मस्जिद, वंदीयुर मारियाम्मन तेप्पाकुलम, अलगर कोविल, कूडल अल्ज़गर मंदिर, गाँधी म्यूज़ियम, अथिसायम थीम पार्क, तिरुपरंकुन्द्रम, वैगई बाँध, तिरुमलाई नयक्कर पैलेस और पज्हामुदिरचोलाई की सैर तो ज़रूर ही करनी चाहिए।
इस शहर का सबसे ख़ास पर्व चिथिरई जो बहुत ही उत्साह के साथ अप्रैल और मई के माह में धूम धाम से मनाया जाता है। इस पर्व का पूरा आयोजन मिनाक्षी मंदिर में होता है और इसी दौरान हज़ारों की तादाद में लोग आते हैं। इस पर्व में कुछ खास कार्य भी किये जाते हैं जिसमें रथ उत्सव, देवताओं का विवाह और राज्याभिषेक भी हैं। इस पर्व की समाप्त भगवान विष्णु के अवतार भगवान कल्लाज्हगा को मंदिर में वापस लाकर किया जाता है।
जनवरी और फरवरी के माह में थेप्पोरचवं त्योहार मनाया जाता है और अवनिमूलम मदुरई भी एक ऐसा पर्व है जिसे सितम्बर के माह में मनाया जाता है जो की मुख्य पर्वों में से एक है। मदुरई में जल्लीकट्टू भी एक पर्व है जो की पोंगल पर्व का एक हिस्सा है और यह पर्व बहुत ही सारे पयर्टकों को इस शहर में आने के लिए आकर्षित करता है। मदुरई शहर की शॉपिंग मूर्तियों, लकड़ी की नक्काशी से बनी वस्तुओं, सिल्क की साड़ियों और खादी कॉटन के बिना पूरी नहीं होती।
मदुरई शहर का इतिहास
मदुरई शहर पर 6 वीं शताब्दी तक कालाभरस ने राज किया। 1981 में यह शहर मद्रास प्रेसीडेंसी के के एक हिस्से के रूप में ब्रिटिशों के लिए हो गया। हमारे देश के स्वतंत्रता आंदोलन में मदुरई ने काफी खास भूमिका निभाई। मदुरई शहर में अलग अलग नेता जैसे की मीर इब्राहीम साहिब, मोहम्मद इस्माईल साहिब और एनएमआर सुब्रमण रहते थे।
मदुरई शहर की यातायात व्यस्था
मदुरै में यातायात के साधन उपलब्ध हैं। मदुरई शहर भारत के बाकी हिस्सों से बहुत ही बेहतर तरीके से जुड़ा हुआ है। इस शहर का हवाई अड्डा अलग अलग शहरों जैसे बैंगलोर, चेन्नई, दिल्ली और मुंबई से जुड़ा हुआ है। निकट का हवाई अड्डा चेन्नई है। इस शहर का रेल नेटवर्क अलग अलग शहरों जैसे की कोयंबटूर, मुंबई, चेन्नई, मैसूर और कोलकाता से जुड़ा हुआ है। यहाँ बैंगलोर, त्रिवेंद्रम, चेन्नई और कोयंबटूर आदि सेहरों के लिए बस सुविधा भी उपलब्ध है।
मदुरई शहर का मौसम
मदुरई शहर का मौसम गर्म और शुष्क होता है। अगर आप मदुरई की सैर करना चाहते हैं तो अक्टूबर से मार्च के माह में यहाँ की सैर करने आएं। इस समय पर मौसम खुशनुमा और ठंडा होता है।