किन्नर का अर्थ और किन्नर और सामान्य व्यक्ति के बीच का अंतर
Transgender वह लोग होते है जो तीसरी जेंडर से होते है ऐसे मानव हिजड़ा कहलाते हैं जो लैंगिक रूप से न नर होते हैं न मादा या हम कह सकते है की transgender की पहचान वह होती है जो उनकी नेचुरल लैंगिक पहचान के बिपरीत है जैसे अगर कोई SHE जेंडर पुरुष जैसा दिखता है या कोई पुरुष जेंडर स्त्री जैसा दिखता है , इनके चेहरे की बनवाट थोड़ी अलग होती है
अक्सर भिखारियों को मै भीख नहीं देता हूँ , हमारे देश में भीख मांगना एक संगठित Business बन गया है , इसी लिए मै अपनी गाड़ी में चिल्लर नहीं रखता हूँ लेकिन अगर मै किसी हिजड़े को देखता हूँ तो उनको जो भी हो सकता है जरूर दे देता हूँ , आप सभी पाठको से भी अनुरोध करता हूँ की कही भी इनको देखे तो इनकी मदत जरूर करे , शारीरिक विकलांगता से वंचित इस तीसरी जाती के लिए न तो समाज न ही सरकार कुछ करती है
Transgender को कभी कभी transsexual भी कहते है अगर उन्होंने मेडिकल साइंस की हेल्प से अपना Gender बदला है
किन्नर कैसे पैदा हो जाते हैं (kinner guptang photo)
वैज्ञानिक दृश्टिकोण से देखे तो जब X और Y गुण सूत्र ठीक़ से नहीं मिलते है तो trans gender या एक तीसरा जेंडर बनता है , ये भी कहते है जब बच्चा गर्भ में होता है यदि उसका विकास (उसके लिंग का विकास रुक जाता है ) पूरी तरह से नहीं होता है तो भी थर्ड जेंडर की उत्पत्ति का कारण है
अधिकतर Transgender को समाज में हेय की निगाह से देखा जाता है , उन्हें समाज मेंसामान्य कार्य करने, इलाज करने अथवा किसी भी सामाजिक स्थल जैसे पार्क,रेस्टोरेंट, कम्यूनिटी सेंटर, स्टेडियम,का प्रयोग करने में बाधा पहुंचाई जाती है, बीमारी की स्थिति में अच्छे प्राइवेट डाक्टर की सुविधा से भी वंचित रहते हैं, सामान्य जन के लिए बनाए पब्लिक स्वीमिंग पूल में कोई हिजड़ा स्नान करने की तो सोंच ही नहीं सकता !
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April २०१४ में सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने ट्रांसजेंडर को’third gender’ की क़ानूनी मान्यता दीट्रांसजेंडर को दुकानों अथवा किसी प्राइवेट संस्थान में नौकरी भी नहीं मिलती है, और न ही आप ने इन्हे किसी संसथान में नौकरी करते हुए देखा होगा
किसी मंदिर में इनके लिए पूजा का कोई प्रावधान नहीं है ! अतः आराधना एवं पूजा का कार्य अक्सर अपने घर में ही करते है, शायद इसीलिए इनकी प्रथाएं एवं अनुष्ठान लगभग गोपनीय होते हैं !
समाज की बात छोड़िये इनके अपने खुद के परिवार में इनका स्थान बेहद दयनीय है !सामान्यतः परिवार के लोग, यह बताते हुए शर्मिंदा महसूस करते हैं कि यह उनके परिवार में पैदा हुए हैं ! अतः जन्म से लेकर मृत्यु तक अपने परिवार और समाज से लगभग कटे रहने के लिए विवश होते है
हिजड़ा का इतिहास
ज़माने में हिजड़ो का काम नवाबों और सुल्तानों ने नीचे हरम की चौकीदारी के लिए ही योग्य पाया था और फिर ये लोग सिर्फ नाच गाने कर अपना पेट पालते थे ! आज समय के साथ, इनके यह दोनों काम भी ख़त्म हो गए और ये सादी बिवाह और बच्चा पैदा होने पर अक्सर ये पैसो के लिए लड़ते झगड़ते पाए जाते है
उम्दा जानकारी , आपकी कहानी पढ़कर बहुत अच्छा लगा,जागरूकता बहुत जरुरी है, अंधविश्वास सबसे बड़ा अभिशाप है
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