रायबरेली में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल उन्नाव की दुष्कर्म पीड़ित को बेहतर इलाज के लिए अब एम्स दिल्ली शिफ्ट किया गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दुष्कर्म पीड़ित को एयरपोर्ट भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में पीड़िता को एयर एम्बुलेंस से एम्स दिल्ली भेजा गया था।
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर से सोमवार शाम 06:24 बजे पीड़िता को कड़ी सुरक्षा में एयरपोर्ट के लिए रवाना किया गया। ग्रीन कॉरिडोर का अलर्ट जारी होते ही चौराहों पर तैनात पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों के वायरलेस सेट पर लोकेशन गूंजने लगी। एक चौराहा पार करते ही दूसरे का यातायात रोक दिया जा रहा था। एंबुलेंस के आगे ट्रैफिक पुलिस की इंटरशेप्टर पायलेटिंग कर रही थी। उसके पीछे एएसपी ट्रैफिक पूर्णेंदु सिंह, सीओ चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी और सीआरपीएफ एवं पुलिस की गाड़ियां थीं।
पीड़िता के वकील को भी मंगलवार को दिल्ली इलाज के लिए भेजने की योजना है। पीड़िता के साथ आइसीयू के एक्सपर्ट को भी भेजा गया है । पीड़िता को हाल में ही निमोनिया ने जकड़ लिया था। इसके चलते उसे बार-बार बुखार भी आ रहा था। पीड़ित को ऑक्सीजन सपोर्ट पर दिल्ली भेजा गया है, साथ ही उसकी कल्चर रिपोर्ट आना बाकी है।
इससे पहले लखनऊ के ट्रामा सेंटर में 28 जुलाई से भर्ती पीड़िता ने सोमवार को आंख खोली थी। इसके साथ ही अब वह इशारे समझ रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती उन्नाव की दुष्कर्म पीड़ित का इलाज अब एम्स दिल्ली में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था और पीड़िता की हालत की लगातार मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया था। वकील के बाद अब पीड़िता को भी वेंटिलेटर से हटाया जाएगा। वकील अभी भी डीप कोमा में है।