हरीतकी (हरड़) के फायदे और नुकसान What is Haritaki or Harad Benefits and Uses in Hindi?

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बड़ी हरड़ के फायदे और नुकसान

हरण एक प्रकार का फल है जो भारत के निचले हिमालय क्षेत्र में रवि तट से लेकर पूर्वी बंगाल आसाम तक पाया जाता है इस का वैज्ञानिक नाम टर्मिनलिया चेबुला तथा इसके पेड़ 24-30 मी० ऊंचे होते हैं। इस फल का ज्यादातर लोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग करते हैं हरण सेहत के साथ-साथ सौंदर्य वर्धन में भी लाभकारी होता है हरण को कई नाम से जाना जाता है जैसे हरीतकी, कायस्था प्राणदा, अमृता, विजया भी कहा जाता है।

हरण हमारे शरीर को बहुत सी बीमारियों से बचाता है जैसे त्वचा की एलर्जी वाले स्थान को हरण के पानी से धोने से लाभ मिलता है और फंगल इंफेक्शन में हरण और हल्दी के लेप लगाने से आराम होता है इसके इस्तेमाल से बाल काले, मजबूत और चमकीले रहते हैं तथा मोटापे को भी कम करता है।

यौन जीवन को सुखद बनाने और यौन जीवन से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए हरण का प्रयोग करना अच्छा माना जाता है।

आयुर्वेद में हरण एक ऐसी औषधि है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही असरकारी माना जाता है

Harad Benefits and Uses in Hindi हरण से होने वाले और भी अनेकों फायदे

 

पेट की गैस के लिए हरीतकी चूर्ण के फायदे 

1- हरण, सनाय व गुलाब के गुलकंद की गोलियां बनाकर खाने से हमारे शरीर में होने वाले कब्ज की समस्याओं से आराम मिलता है।

2- हरण का काढ़ा बनाकर पीने से मूत्र संबंधित रोगों से जल्द ही छुटकारा मिलता है।

3- हरण का लेप पतले छाछ के साथ मिलाकर गरारे करने से मसूड़ों की सूजन के लिए लाभप्रद सिद्ध होता है।

4- हरण को रात भर पानी में भिगोकर सुबह उसके पानी से आंखों को धोने से आंख संबंधित परेशानियों (जैसे आंखों में जलन व दर्द तथा आंखों से पानी गिरना) से आराम मिलता है।

5- हरण का सेवन करने का तरीका हर रोग के लिए अलग होता है हरण को उबालकर खाने से दस्त नहीं होता है तथा वही इसको भूनकर खाने से त्रिदोषहर और तो और भोजन के साथ हरण खाने से बुद्धि भी बढ़ती है।

6- हरण का प्रयोग वात – कफ से जुड़े रोगों के लिए भी लाभदायक होता है।

7- हरीतकी का काढ़ा बनाकर किसी भी प्रकार के घाव को धोने से घाव जल्दी ही भर जाते हैं।

8- हरण को गर्म पानी में उबाल लें फिर इसे थोड़ा ठंडा होने के बाद इसका सेवन करने से बवासीर जैसे रोगों से आराम मिलता है।

9- हरण का नियमित रूप से सेवन करना वजन कम करने में सहायक माना जाता है यह पाचन क्रिया में लाभदायक होने के साथ-साथ गैस, एसिडिटी और अन्य समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है।

10- अगर दातों में दर्द हो तो हरण का चूर्ण दातों पर लगाने से आराम मिलता है।

हरण का सेवन करना लाभदायक तो होता ही है लेकिन इसके कुछ हानिकारक प्रभाव भी होते हैं। जैसे:

1- तासीर गर्म होने के कारण इसे गर्मी के मौसम में खाने से हमारे शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

2- दुबले पतले व्यक्ति व गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से परेशानी हो सकता है इसलिए दुबले पतले व्यक्ति व गर्भवती महिलाओं को हरण का सेवन नहीं करना चाहिए।

3- शराब पीने वाले, अधिक मैथुन करने वाले, भूख, प्यास तथा गर्मी से पीड़ित व्यक्तियों को हरण का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

अन्य भाषाओं में हरीतकी के नाम 

  1. Sanskrit – अभया, अव्यथा, पथ्या, कायस्था, पूतना, हरीतकी, हैमवती, चेतकी, श्रेयसी, शिवा;
  2. Hindi – हरड़, हर्रे, हड़, हरर;
  3. Oriya – करंथा (Karedha), हरेधा (Harida);
  4. Bengali – होरीतकी (Horitaki), नर्रा (Narra);
  5. Nepali – हर्रो (Harra), बर्रो (Barro);
  6. Panjabi – हर (Har), हरीतकी (Haritaki);
  7. Marathi – हिरड (Hirad), हरीतकी (Haritaki);
  8. Malayalam – दिव्या (Divya), पुटानम (Putanam)
  9. Assamese – हिलिखा (Hilikha);
  10. Urdu – हेजरड़ (Haejarad)
  11. Konkani – ओरडो (Ordo);
  12. Kannada – अनिलेकई (Anilaykayi), करक्काई (Karakkai);
  13. Gujrati – हरीतकी (Haritaki), हिमजा (Himaja);
  14. Tamil – कडुक्कै (Kadukkay);
  15. Telugu – करक्काय (Karakkaya), हरितकि (Haritaki);
  16. English – ब्लैक मॉयरोबालान (Black myrobalan);
  17. Arbi – हलीलजा (Halilaja), अस्फर (Asfar);
  18. Persian – हलील (Halil), हलील अह जर्दा (Halil ahe zarda)

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