भारत के ह्रदय स्थल में बसा मध्य प्रदेश देश का एक खूबसूरत राज्य है, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से काफी ज्यादा महत्व रखता है। यहां देश ही नहीं बल्कि विश्व भर से सैलानियों को आगमन होता है। एक प्रकृति, कला और इतिहास के प्रेमी से लेकर यहां एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी बहुत कुछ उपलब्ध है।
नर्मदा, चंबल, सोन, ताप्ती, शिप्रा, बेतवा जैसी नदियां इस स्थल को खास बनाने का काम करती है। यह राज्य विभिन्न वनस्पतियों के साथ-साथ असंख्य जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का काम करता है।
इस लेख में आज हम आपको मध्य प्रदेश स्थित खूबसूरत जय विलास महल से जुड़े 11 दिलचस्प तथ्यों के बारे में बताएंगे, जिसके बारें में शायद आपको पता नहीं होगा।
Fact 1- यह एक विशाल महल है, जो 1,240,771 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है।
Fact 2- इस महल को बनाने में ब्रिटिश, भारतीय और इतावली शैली का प्रयोग किया गया है।
Fact 3- जिस वक्त इस महल का निर्माण किया गया था, तब इसकी कीमत 1 करोड़ थी, लेकिन आज इस विशाल और आकर्षक महल की कीमत अरबों में है।
Fact 4- जय विलास पैलेस देश के खूबसूरत महलों में गिना जाता है, जिसका निर्माण 1874 में जीवाजी राव सिंधिया ने करवाया था।
Fact 5- इस महल का जिजाइन लेफ्टिनेंट कर्नल सर माइकल फिलोज द्वारा तैयार किया गया था। यह महल अब भी सिंधिया शाही परिवार के अधीन है।
Fact 6- बहुत कम लोग इस तथ्य से जानते होंगे कि इस महल का निर्माण इंग्लैंड के प्रिंस एडवर्ड-VII के स्वागत में बनाया गया था।
Fact 7- इस महल को फ्रांस के वर्साइल्स पैलेस की तरह बनाने का प्रयास किया गया था, जिसे सजाने के लिए विदेश से कारीगरों को बुलवाया गया था।
Fact 8- इस महल में एक विशाल झूमर लगा हुआ है, जिसका वजन 3500 किलो का है।
Fact 9- आपको जानकर हैरानी होगी कि झूमर लगाने के लिए हाथियों की सहायता ली गई थी। दरअसल हाथियों का इस्तेमला छत की मजबूती जाचंने के लिए किया गया था, जहां झूमर लगना था।
Fact 10- इस विशाल महल का एक खूबसूरत कोना यहां का बड़ा डाइनिंग हॉल है, जिसमें एक बार में कई लोग बैठ कर खाना खा सकते हैं। इस इाडिनिंग हॉल का मुख्य आकर्षण चांदी की ट्रेन है, जिसका इस्तेमाल महमानों को भोजन परोसने के लिए किया जाता था।
Fact 11- इस महल में कुल 400 कमरे में हैं, जिनमें से 40 कमरों को संग्रहालय के रूप में तब्दील कर दिया गया है। बाकी हिस्सों में सिंधिया परिवार रहता है। इस संग्रहालय को जीवाजी राव सिंधिया म्यूजियम नाम दिया गया है।
यदि आप भी उपर बताए गए तथ्यों के अलावा इस महल से जुड़े किसी तथ्य के बारे में जानते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं।